जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन का विकास
जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन का विकास
पर्यटन इन्फ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन उत्पादों का विकास मुख्य रूप से संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों द्वारा किया जाता है। हालांकि, पर्यटन मंत्रालय, पर्यटन इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए अपनी केंद्रीय क्षेत्र योजनाओं, जैसे स्वदेश दर्शन (एसडी), स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0), चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी); जो स्वदेश दर्शन 2.0 योजना की एक उप-योजना है, और पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) के माध्यम से, राज्य सरकारों (एसजी) और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों के प्रयासों को समर्थन देता है। इसके तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र के जनजातीय स्थलों सहित पर्यटन स्थलों पर पर्यटन अनुभव, सुविधाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
उपर्युक्त योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं का विवरण, जिनमें आदिवासी क्षेत्रों की परियोजनाएं भी शामिल हैं, संलग्न है।
इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान आदिवासी क्षेत्रों में होमस्टे के विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (पीएम-जुगा) के अंतर्गत स्वदेश दर्शन की एक उप-योजना के रूप में ‘आदिवासी क्षेत्रों में होमस्टे का विकास‘ शुरू की है। इस योजना के तहत आदिवासी क्षेत्रों की पर्यटन क्षमता का दोहन करने और आदिवासी समुदायों को वैकल्पिक आजीविका प्रदान करने के लिए 1000 होमस्टे विकसित किए जाएंगे। इसके तहत होमस्टे के विकास और नवीनीकरण तथा ग्राम समुदाय की आवश्यकताओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिसमें उत्तर-पूर्वी क्षेत्र भी शामिल है। यह योजना राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्थानीय समुदाय की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए भी प्रोत्साहित करती है।
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज राज्यसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।