Tuesday, June 24, 2025
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घरेलू आय सर्वेक्षण, 2026

घरेलू आय सर्वेक्षण, 2026

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) को घरेलू सर्वेक्षणों के अग्रणी पैमाने और दायरे के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। स्थापना के बाद से विभिन्न विषयों पर सालाना और त्रैमासिक रूप से ये सर्वेक्षण आयोजित किए जाते हैं। पहला सर्वेक्षण 1950 में शुरू किया गया था और तब से एनएसएस ने नीति निर्माण के लिए डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, अपने व्यापक अनुभव के बावजूद एनएसएस ने अभी तक आय वितरण पर एक व्यापक और पूर्ण सर्वेक्षण नहीं किया है। हालांकि अतीत में पायलट सर्वेक्षणों का प्रयास किया गया है, लेकिन ये प्रयास राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में परिणत नहीं हुए। ऐसे डेटा के बढ़ते महत्व को पहचानते हुए, एनएसएस पिछले 75 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में हुए गहन संरचनात्मक परिवर्तनों को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक समर्पित आय वितरण सर्वेक्षण की तत्काल आवश्यकता को स्वीकार करता है।

हाल ही में, एनएसएस ने सामाजिक और आर्थिक हितों के विभिन्न क्षेत्रों में डेटा अंतराल को भरने के लिए कई पहल की है। इसने महत्वपूर्ण मैक्रो-आर्थिक संकेतकों पर डेटा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से असंगठित क्षेत्र के उद्यमों, सेवा क्षेत्रों, निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय, घरेलू यात्रा और पर्यटन आदि पर वार्षिक सर्वेक्षण शुरू किए हैं। आय वितरण और उसके कल्याण के लिए महत्वपूर्ण जानकारी उत्पन्न करने के लिए घरेलू आय सर्वेक्षण मंत्रालय की एक और महत्वपूर्ण पहल है।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने पहले भी 9वें दौर (मई 1955 – सितंबर 1955) और 14वें दौर (जुलाई 1958 – जून 1959) में प्रायोगिक आधार पर उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षणों के साथ-साथ घरेलू आय पर जानकारी एकत्र करने के प्रयास किए हैं, हालांकि इसके लिए कोई जानकारी जारी नहीं की गई। बाद में, इसने घरेलू आय के लेन-देन की पूरी तस्वीर प्राप्त करने के उद्देश्य से अपने 19वें दौर (जुलाई 1964 – जून 1965) और 24वें दौर (जुलाई 1969 – जून 1970) में एकीकृत घरेलू सर्वेक्षण (आईएचएस) के हिस्से के रूप में प्राप्तियों और संवितरणों पर डेटा एकत्र करने का काम किया। हालांकि, ये प्रयास जारी नहीं रहे क्योंकि यह पाया गया कि आय के अनुमान उपभोग और बचत के अनुमानों से कम थे। 1983-84 में, एनएसएस ने एक बार फिर घरेलू आय पर एक पायलट जांच का प्रयास किया, ताकि घरेलू आय पर डेटा एकत्र करने के लिए एक परिचालनात्मक रूप से व्यवहार्य प्रणाली विकसित करने की संभावना का पता लगाया जा सके। हालांकि यह प्रयास भी अखिल भारतीय सर्वेक्षण में परिवर्तित नहीं हो सका।

इन सर्वेक्षणों के अनुभव से पता चला है कि क्षेत्र में विश्वसनीय आय डेटा एकत्र करने और इन सभी मुद्दों को दूर करने, सर्वेक्षण प्रक्रियाओं में अधिक स्पष्टता लाने और घरेलू आय सर्वेक्षण की समग्र गतिविधियों की देखरेख करने में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा तथा दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुभवों के मुकाबले कई कठिनाइयां मौजूद थीं। इसलिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के भारत के पूर्व कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरजीत एस भल्ला की अध्यक्षता में एक तकनीकी विशेषज्ञ समूह (टीईजी) का गठन किया है। टीईजी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय को एक अखिल भारतीय आय वितरण सर्वेक्षण आयोजित करने की दिशा में मार्गदर्शन करेगा, जिसे संभवतः 2026 के लिए निर्धारित किया गया है। विशेषज्ञ समूह अवधारणाओं और परिभाषाओं को अंतिम रूप देने, सर्वेक्षण पद्धति और उपकरणों की तैयारी, नमूना डिजाइन और अनुमान की विधि के संबंध में मार्गदर्शन करेगा और दुनिया भर में अपनाई गई सर्वोत्तम देशों की प्रथाओं को शामिल करेगा।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के अध्यक्ष और कई आधिकारिक सदस्यों के अलावा, तकनीकी विशेषज्ञ समूह के अन्य सदस्य इस प्रकार हैं:

टीईजी सरकार के भीतर और/या बाहर से विषय विशेषज्ञों की सहायता ले सकता है और सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन के साथ आवश्यकतानुसार उन्हें सदस्य के रूप में सहयोजित कर सकता है। टीईजी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, यदि आवश्यक हो, तो बैठक में विशेष आमंत्रित के रूप में विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित कर सकता है।

  1. श्री आलोक कर, पूर्व प्रोफेसर, भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता,
  2. प्रो. सोनाली देसाई, राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली,