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ग्रामीण खाद्य आपूर्ति-श्रृंखला संबंधी इन्फ्रास्ट्रक्चर का सुदृढ़ीकरण

ग्रामीण खाद्य आपूर्ति-श्रृंखला संबंधी इन्फ्रास्ट्रक्चर का सुदृढ़ीकरण

खाद्य आपूर्ति-श्रृंखला संबंधी इन्फ्रास्ट्र्क्चर में कमियों को दूर करने और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय अपनी दो केंद्रीय योजनाओं, अर्थात् प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) के माध्यम से संबंधित इन्फ्रास्ट्र्क्चर की स्थापना/विस्तार को प्रोत्साहित कर रहा है। मंत्रालय एक केंद्र प्रायोजित योजना, अर्थात् प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना, का भी कार्यान्वयन कर रहा है।

इन योजनाओं का उद्देश्य खेत से लेकर खुदरा दुकानों तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है, जिसमें भंडारण, परिवहन, मूल्य संवर्धन आदि शामिल हैं, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिल सके, कृषि उपज की बर्बादी कम हो, कटाई के बाद होने वाले नुकसान में कमी आए, उत्पादकता बढ़े और प्रसंस्करण स्तर में वृद्धि हो।

 

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजनाएं मांग-आधारित हैं और इन योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत अधिकांश परियोजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा मिलता है और इन इन्फ्रास्ट्र्क्चर संबंधी कमियों को दूर किया जा सकता है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय स्वयं खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित नहीं करता है। हालांकि, यह संबंधित योजना दिशानिर्देशों के अनुसार, अपनी योजनाओं के माध्यम से पात्र उद्यमियों को संबंधित इन्फ्रास्ट्र्क्चर स्थापित करने के लिए अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

इन तीन योजनाओं के लिए कुल स्वीकृत परिव्यय निम्नानुसार है:

योजना का नाम

कार्यान्वयन अवधि

कुल परिव्यय

(करोड़ रुपए में)

पीएमकेएसवाई

2021-2026

6520

पीएलआईएसएफपीआई

2021-2027

10900

पीएमएफएमई

2020-2026

10000

 

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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