कौशल विकास केंद्रों की स्थिति
कौशल विकास केंद्रों की स्थिति
केंद्र सरकार के कौशल भारत मिशन (एस आई एम) के अंतर्गत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) विभिन्न योजनाओं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना, राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एन ए पी एस) और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के अंतर्गत कौशल विकास केंद्रों के एक व्यापक नेटवर्क के माध्यम से देश भर में समाज के सभी वर्गों को कौशल, पुनः-कौशल और उच्च-कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। इस एस आई एमका उद्देश्य देश के युवाओं को उद्योग-संबंधित कौशल से सुसज्जित और भविष्य के लिए तैयार करना है।
इसके अलावा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की योजनाएँ माँग-आधारित हैं और प्रशिक्षण केंद्र आवश्यकता के आधार पर स्थापित या संचालित किए जाते हैं। देश भर में स्थापित कौशल विकास केंद्रों (एसडीसी) की कुल संख्या और पिछले पाँच वर्षों और वर्तमान वर्ष के दौरान प्रत्येक केंद्र में प्रशिक्षित उम्मीदवारों की राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार संख्या अनुलग्नक-I में दी गई है ।
पीएमकेवीवाई योजना के अंतर्गत पहले तीन संस्करणों पीएमकेवीवाई 1.0, पीएमकेवीवाई 2.0 और पीएमकेवीवाई 3.0 में अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) घटक के अंतर्गत प्लेसमेंट को ट्रैक किया गया था। इन्हें वित्त वर्ष 2015-16 से वित्त वर्ष 2021-22 तक लागू किया गया था। पीएमकेवीवाई 4.0 वित्त वर्ष 2022-23 से क्रियान्वित है। इसका उद्देश्य हमारे प्रशिक्षित उम्मीदवारों को अपने विविध करियर पथ चुनने के लिए सशक्त बनाना और उन्हें इसके लिए उपयुक्त रूप से उन्मुख बनाना है।
कौशल भारत मिशन के अंतर्गत जिन क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उनका विवरण तथा नौकरी की भूमिकाएं www.skillindiadigital.gov.in पर “डैशबोर्ड” टैब के अंतर्गत उपलब्ध हैं।
पीएमकेवीवाई और जेएसएस योजनाओं के अंतर्गत धनराशि, निर्धारित मानदंडों के अनुसार प्रशिक्षण लागत को पूरा करने के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों को जारी की जाती है। एनएपीएस के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से प्रति माह 1500 रुपये तक की वजीफा सहायता जारी की जाती है। आईटीआई के संबंध में दैनिक प्रशासन और वित्तीय नियंत्रण संबंधित राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के पास होता है।
पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष के दौरान पीएमकेवीवाई और जेएसएस योजनाओं के अंतर्गत जारी बजट का विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है ।
कौशल विकास केंद्रों (एसडीसी) में प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार एक सतत प्रयास है। योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन प्रणाली इस प्रकार है: –
डीजीटी:- इस संबंध में, डीजीटी समय-समय पर आईटीआई के संबद्धता मानकों और मानदंडों की समीक्षा करता है ताकि उनकी प्रासंगिकता और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके। सीटीएस के अंतर्गत पाठ्यक्रमों के पाठ्यक्रम को भी उद्योग भागीदारों के परामर्श से नियमित रूप से अद्यतन किया जाता है, ताकि नवीनतम तकनीकी प्रगति और विकसित होती कौशल आवश्यकताओं को शामिल किया जा सके – यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रशिक्षण बाजार की मांग के अनुरूप बना रहे।
इसके अलावा संबंधित राज्य सरकारें, केंद्र सरकार के समन्वय से आईटीआई का समय-समय पर संयुक्त निरीक्षण करती हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आईटीआई में बुनियादी ढांचे, संकाय योग्यता, पाठ्यक्रम कार्यान्वयन और प्रशिक्षण वितरण के मानक अद्यतन हैं।
पीएमकेवीवाई:- पीएमकेवीवाई के अंतर्गत, प्रशिक्षण केंद्रों को प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों की उपस्थिति पर नज़र रखने हेतु आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (एईबीएएस) मशीन लगाना अनिवार्य किया गया है। अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, प्रशिक्षण केंद्रों को भुगतान को उपस्थिति से जोड़ दिया गया है। कॉल सत्यापन, आकस्मिक केंद्र भ्रमण, आभासी सत्यापन जैसे निगरानी उपकरणों का उपयोग करके प्रशिक्षण केंद्रों और अभ्यर्थियों के कौशल विकास जीवनचक्र प्रगति की समवर्ती निगरानी की जाती है। प्रशिक्षण केंद्रों को परिणाम-आधारित भुगतान की भी व्यवस्था की गई है।
एनएपीएस:- एनएपीएस के अंतर्गत योजना की निगरानी हेतु केंद्र स्तर पर एक राष्ट्रीय संचालन समिति (एनएससी) और एक योजना निगरानी और समीक्षा समिति (एसएमआरसी) का गठन किया गया है। इसी प्रकार राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर राज्य कार्यान्वयन समीक्षा समितियाँ (एसआईआरसी) गठित की गई हैं।
जेएसएस:- कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय समय-समय पर समीक्षा बैठकों और क्षेत्रीय दौरों के माध्यम से योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करता है। योजना कार्यान्वयन की निगरानी स्किल इंडिया डिजिटल हब (एस आई डी एच) पोर्टल के माध्यम से भी की जाती है। राज्य स्तर पर जेएसएस की निगरानी और पर्यवेक्षण आरडीएसडीई द्वारा किया जाता है। आरडीएसडीई के अधिकारी प्रभावी निगरानी के लिए समय-समय पर अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जेएसएस का दौरा और निरीक्षण करते हैं। प्रत्येक जेएसएस में प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) नामक एक 16-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समय-समय पर जेएसएस द्वारा कार्यान्वित कार्यक्रमों की समीक्षा करती है।
सरकार ने उद्योग की भागीदारी बढ़ाने, रोजगार से जुड़े प्रशिक्षण को सुनिश्चित करने और तमिलनाडु सहित देश में केंद्रीय कौशल कार्यक्रमों के समग्र परिणामों में सुधार लाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं।
अनुलग्नक I
देश भर में स्थापित कौशल विकास केंद्र (एसडीसी) तथा प्रत्येक केंद्र में प्रशिक्षित उम्मीदवारों की राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार संख्या
राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार कौशल विकास केंद्र (एसडीसी)
क्र. सं.
राज्य
पीएमकेवीवाई 4.0 केंद्र
जेएसएस केंद्र
आईटीआई
1
अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह
5
1
4
2
आंध्र प्रदेश
370
6
521
3
अरुणाचल प्रदेश
82
0
10
4
असम
797
6
47
5
बिहार
537
21
1,356
6
चंडीगढ़
10
1
3
7
छत्तीसगढ
177
14
227
8
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
9
2
4
9
दिल्ली
144
3
46
10
गोवा
6
1
13
11
गुजरात
266
8
493
12
हरयाणा
529
2
380
13
हिमाचल प्रदेश
179
11
268
14
जम्मू और कश्मीर
543
2
56
15
झारखंड
206
13
354
16
कर्नाटक
397
12
1,467
17
केरल
130
9
442
18
लद्दाख
11
2
3
19
लक्षद्वीप
1
1
1
20
मध्य प्रदेश
1,350
29
953
21
महाराष्ट्र
570
21
1,045
22
मणिपुर
163
4
11
23
मेघालय
93
1
8
24
मिजोरम
106
1
3
25
नगालैंड
85
2
9
26
ओडिशा
239
29
500
27
पुदुचेरी
22
–
15
28
पंजाब
572
2
329
29
राजस्थान
1,453
9
1,543
30
सिक्किम
37
–
457
31
तमिलनाडु
489
9
301
32
तेलंगाना
118
6
4
33
त्रिपुरा
117
2
22
34
उतार प्रदेश।
2,581
47
3,300
35
उत्तराखंड
196
8
170
36
पश्चिम बंगाल
250
8
317
कुल
12,840
293
14,682
(बी) प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या:
क्र. सं.
राज्य
पीएमकेवीवाई
जेएसएस
आईटीआई
1
अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह
3,974
6600
10,574
2
आंध्र प्रदेश
1,56,073
61,027
2,17,100
3
अरुणाचल प्रदेश
75,873
–
75,873
4
असम
5,14,676
52,840
5,67,516
5
बिहार
2,83,508
1,84,858
4,68,366
6
चंडीगढ़
6,313
9,249
15,562
7
छत्तीसगढ
55,180
55,180
8
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
1,02,437
1,19,671
2,22,108
9
दिल्ली
2,908
12,486
15,394
10
गोवा
1,50,482
30,840
1,81,322
11
गुजरात
1,93,448
9,884
2,03,332
12
हरयाणा
55,788
93,212
1,49,000
13
हिमाचल प्रदेश
2,06,295
39,925
2,46,220
14
जम्मू और कश्मीर
94,918
77,872
1,72,790
15
झारखंड
1,73,135
8,290
1,81,425
16
कर्नाटक
69,980
87,752
1,57,732
17
केरल
1,915
1,14,291
1,16,206
18
लद्दाख
330
89,254
89,584
19
लक्षद्वीप
4,71,190
–
4,71,190
20
मध्य प्रदेश
3,18,238
–
3,18,238
21
महाराष्ट्र
66,744
2,80,282
3,47,026
22
मणिपुर
33,321
2,09,863
2,43,184
23
मेघालय
29,218
39,686
68,904
24
मिजोरम
32,099
–
32,099
25
नगालैंड
1,42,746
–
1,42,746
26
ओडिशा
10,822
9,062
19,884
27
पुदुचेरी
2,11,611
2,11,611
28
पंजाब
4,59,809
2,51,387
7,11,196
29
राजस्थान
11,013
17,032
28,045
30
सिक्किम
2,39,546
2,39,546
31
तमिलनाडु
97,301
77,526
1,74,827
32
तेलंगाना
2,213
77,830
80,043
33
त्रिपुरा
73,410
59,041
1,32,451
34
उतार प्रदेश।
8,95,886
4,73,404
13,69,290
35
उत्तराखंड
92,110
74,591
1,66,701
36
पश्चिम बंगाल
1,62,283
69,976
2,32,259
कुल
54,96,793
26,71,350
81,68,143
अनुलग्नक II
पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष के दौरान राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को जारी धनराशि
(i) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई)
(करोड़ रुपये में)
क्रम संख्या
राज्य
2020-21
2021-22
2022-23
2023-24
2024-25
2025-26
1
अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह
1.15
0.59
0.08
0.02
0.84
–
2
आंध्र प्रदेश
34.04
9.55
3.16
35.68
15.95
9.51
3
अरुणाचल प्रदेश
14.46
10.11
1.50
5.35
5.41
0.87
4
असम
75.20
53.46
11.01
43.26
42.21
13.33
5
बिहार
62.41
55.80
15.82
31.92
62.33
0.94
6
चंडीगढ़
0.91
0.49
0.26
0.61
0.57
–
7
छत्तीसगढ
7.19
3.98
2.49
13.00
8.37
4.23
8
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
0.33
0.18
0.01
0.26
0.90
–
9
दिल्ली
48.63
3.52
3.60
12.63
19.50
0.66
10
गोवा
0.06
0.03
0.06
0.23
0.07
–
11
गुजरात
27.01
9.04
3.36
16.26
18.79
0.39
12
हरयाणा
35.57
8.67
3.93
26.89
58.23
3.99
13
हिमाचल प्रदेश
14.05
5.44
2.81
9.39
14.46
3.63
14
जम्मू और कश्मीर
35.83
16.52
16.80
34.89
69.30
2.80
15
झारखंड
10.86
9.45
4.95
13.30
19.71
0.71
16
कर्नाटक
45.28
11.69
3.47
18.36
33.19
1.28
17
केरल
11.11
6.63
4.64
11.20
4.36
0.50
18
लक्षद्वीप
–
–
–
–
–
–
19
मध्य प्रदेश
63.67
45.03
19.24
51.19
205.84
18.23
20
महाराष्ट्र
104.65
25.45
7.10
43.13
44.44
3.83
21
मणिपुर
18.30
7.63
2.05
7.04
10.08
16.42
22
मेघालय
5.31
2.92
0.46
2.96
4.36
(1.03)
23
मिजोरम
5.74
3.10
0.81
3.06
2.75
3.23
24
नगालैंड
3.18
1.74
3.09
3.88
4.27
1.17
25
ओडिशा
44.02
14.50
5.41
20.19
14.31
1.63
26
पुदुचेरी
2.68
1.28
0.49
2.67
1.24
–
27
पंजाब
29.93
10.91
5.19
27.24
104.17
2.30
28
राजस्थान
68.14
35.29
10.40
63.43
292.42
5.15
29
सिक्किम
3.31
1.65
0.85
3.15
1.26
0.08
30
तमिलनाडु
31.66
11.04
5.40
41.48
63.08
1.04
31
तेलंगाना
24.13
9.39
3.67
24.44
11.07
1.87
32
त्रिपुरा
21.57
8.52
1.60
5.72
8.94
1.49
33
उतार प्रदेश।
133.05
66.64
19.07
97.47
352.64
10.99
34
उत्तराखंड
12.74
6.73
4.79
13.75
26.37
1.50
35
पश्चिम बंगाल
31.49
18.36
6.11
25.05
16.28
3.87
36
लद्दाख
0.12
0.26
0.34
1.01
0.59
–
(ii) जनशिक्षण संस्थान:
(करोड़ रुपये में)
क्रम संख्या
राज्य
2020-21
2021-22
2022-23
2023-24
2024-25
2025-26
1
अंडमान और निकोबार
0.00
0.45
0.50
0.50
0.50
0.25
2
आंध्र प्रदेश
3.12
3.03
3.31
3.36
2.99
1.50
3
अरुणाचल प्रदेश
–
–
–
–
–
–
4
असम
2.46
2.91
2.74
2.74
2.90
1.50
5
बिहार
5.34
9.25
11.90
11.69
10.11
5.13
6
चंडीगढ़
0.49
0.42
0.52
0.56
0.48
0.25
7
छत्तीसगढ
3.07
6.70
7.61
7.34
6.74
3.50
8
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
0.48
0.82
0.95
0.96
0.75
0.50
9
दिल्ली
1.48
1.44
1.68
1.68
1.50
0.75
10
गोवा
0.50
0.48
0.56
0.55
0.48
0.25
11
गुजरात
5.00
5.12
4.79
4.48
3.84
2.00
12
हरयाणा
2.50
2.45
2.15
2.20
0.97
0.50
13
हिमाचल प्रदेश
0.76
4.77
5.71
5.72
4.70
2.65
14
जम्मू और कश्मीर
0.88
1.15
0.13
0.25
0.38
0.25
15
झारखंड
1.30
5.32
5.72
6.31
6.04
3.13
16
कर्नाटक
4.38
5.60
6.51
6.63
5.86
3.00
17
केरल
4.37
4.17
5.01
5.04
4.45
2.25
18
लद्दाख
0.00
0.57
0.46
0.25
0.00
0.25
19
लक्षद्वीप
0.00
0.20
0.50
0.46
0.38
0.25
20
मध्य प्रदेश
12.87
14.28
14.94
15.03
14.11
7.31
21
महाराष्ट्र
9.78
10.17
11.31
11.46
10.27
5.13
22
मणिपुर
1.50
1.94
2.23
2.18
2.00
1.00
23
मेघालय
0.00
0.20
0.50
0.50
0.50
0.25
24
मिजोरम
0.00
0.45
0.56
0.52
0.48
0.25
25
नगालैंड
0.50
0.95
0.64
0.63
0.25
0.38
26
ओडिशा
8.01
13.23
15.38
15.19
14.38
7.97
27
पंजाब
0.97
0.75
1.05
0.99
0.98
0.50
28
राजस्थान
2.51
4.06
4.29
4.52
4.30
2.25
29
तमिलनाडु
3.36
3.19
4.06
4.32
4.27
2.00
30
तेलंगाना
2.93
2.74
3.20
3.24
2.89
1.50
31
त्रिपुरा
0.48
0.84
1.07
1.02
0.97
0.50
32
उतार प्रदेश।
22.05
22.99
25.79
26.03
23.29
12.25
33
उत्तराखंड
2.72
3.46
4.64
4.34
3.97
2.00
34
पश्चिम बंगाल
3.87
3.54
4.25
3.69
3.81
2.00
यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
- मान्यता और सम्बद्धता प्रक्रिया के भाग के रूप में प्रशिक्षण केन्द्रों का पर्याप्त और आधुनिक उपकरणों के लिए मूल्यांकन किया जाता है।
- राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) की स्थापना एक व्यापक नियामक के रूप में की गई है। यह व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियम एवं मानक स्थापित करता है।
- iv. एनसीवीईटी द्वारा मान्यता प्राप्त पुरस्कार देने वाली संस्थाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे उद्योग की मांग के अनुसार योग्यताएं विकसित करें और उन्हें श्रम और रोजगार मंत्रालय के राष्ट्रीय व्यवसाय वर्गीकरण 2015 के अनुसार चिन्हित व्यवसायों के साथ जोड़ें तथा उद्योग से मान्यता प्राप्त करें।