कौशल भारत मिशन
कौशल भारत मिशन
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में शुरू किए गए कौशल भारत मिशन के अंतर्गत, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस), और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) जैसी प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत कौशल विकास केंद्रों के एक व्यापक नेटवर्क के माध्यम से देश भर में समाज के सभी वर्गों को कौशल, पुनः कौशल और कौशल को और उन्नत करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करता है जिससे कार्यशील आयु वर्ग की आबादी के कौशल और रोजगार क्षमता को बढ़ाया जा सके। ये पहल सामूहिक रूप से एन एस क्यू – संरेखित कौशल, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, व्यवहारिक कौशल और उद्यमिता को बढ़ावा देती हैं, जो ‘कौशल भारत’ के बैनर तले बड़े पैमाने पर लामबंदी और जागरूकता अभियान द्वारा समर्थित हैं। इसमें रोज़गार मेले, शिक्षुता अभियान और स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) के माध्यम से डिजिटल पहुंच शामिल हैं।
सिम के शुभारंभ के बाद से कौशल विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की गई हैं। इस मिशन के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में शुरू की गई पीएमकेवीवाई योजना ने 1.64 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित और प्रमाणित किया है (31 अक्टूबर 2025 तक)। एनएपीएस के तहत, 2016-17 से वित्त वर्ष 2025-26 (31 अक्टूबर 2025 तक) तक 49.12 लाख प्रशिक्षुओं को लगाया गया है। आईटीआई की संख्या 2014 में 9,776 से बढ़कर वर्तमान में 14,682 हो गई है। मंत्रिमंडल ने उन्नत आईटीआई (पीएम सेतु) योजना के माध्यम से प्रधान मंत्री कौशल और रोजगारपरकता को भी मंजूरी दी है, जिसका अनुमानित परिव्यय पांच वर्षों की अवधि में ₹60,000 करोड़ है इन सामूहिक प्रयासों के कारण, व्यावसायिक रूप से प्रशिक्षित 15-29 आयु वर्ग के युवाओं का प्रतिशत 2017-18 में 7.1% से बढ़कर 2023-24 में 26.1% हो गया है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के अंतर्गत इसकी शुरुआत से लेकर 31 अक्टूबर, 2025 तक नामांकित उम्मीदवारों की कुल संख्या 17,611,055 है, तथा इसी अवधि के दौरान प्रशिक्षित उम्मीदवारों की कुल संख्या 16,433,033 है।
एमएसडीई देश भर के युवाओं को लघु अवधि प्रशिक्षण (एसटीटी) के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण और पूर्व शिक्षण की मान्यता (आरपीएल) के माध्यम से कौशल उन्नयन और पुनः कौशल प्रदान करने के लिए पीएमकेवीवाई योजना का कार्यान्वयन कर रहा है इसका उद्देश्य युवाओं को उद्योग प्रासंगिक कौशल से तैयार करके रोजगार के अवसरों तक पहुंचने के लिए उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाना है।
पीएमकेवीवाई योजना के अंतर्गत, वित्त वर्ष 2015-16 से वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान लागू किए गए पीएमकेवीवाई 1.0, पीएमकेवीवाई 2.0 और पीएमकेवीवाई 3.0 के पहले तीन संस्करणों में अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) घटक के अंतर्गत रोज़गार मिला है या नहीं इसे भी देखा गया था। पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत, प्रशिक्षित उम्मीदवारों को उचित मार्गदर्शन और अभिविन्यास प्रदान करके विविध रोज़गार के लिए आगे बढ़ने में सक्षम बनाने पर ज़ोर दिया गया था। इसके अलावा, स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) जैसे विभिन्न आईटी उपकरण भी यह अवसर प्रदान करते हैं।
पीएमकेवीवाई 4.0 के अंतर्गत, विशेष समूहों—जिनमें महिलाएं और दिव्यांगजन (पीडब्ल्यूडी) शामिल हैं—के साथ-साथ विशेष क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को, इन क्षेत्रों के भीतर और बाहर आयोजित प्रशिक्षण के लिए, सामान्य लागत मानदंडों के अनुसार, आवास, भोजन और परिवहन की सहायता प्रदान की जाती है। गैर-आवासीय प्रशिक्षण के मामले में, विशेष समूहों के लिए परिवहन सुविधा भी स्वीकार्य है। इसके अलावा, प्रशिक्षण प्रदाताओं को सहायक उपकरण और सहायक उपकरण खरीदने, कौशल प्रशिक्षण में उनकी प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने और बाद में उनके अवसरों और लाभकारी वेतन एवं स्वरोज़गार तक उनकी पहुँच बढ़ाने के लिए प्रत्येक दिव्यांग अभ्यर्थी को ₹5,000 तक की विशेष सहायता प्रदान की जाती है।
यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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