कोयला मंत्रालय प्रभावशाली पहलों और सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ विशेष अभियान 5.0 को आगे बढ़ा रहा है
कोयला मंत्रालय प्रभावशाली पहलों और सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ विशेष अभियान 5.0 को आगे बढ़ा रहा है
कोयला मंत्रालय (एमओसी), अपने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के साथ, वर्तमान में जारी विशेष अभियान 5.0 के एक भाग के रूप में, अभियान के प्रारंभिक चरण के दौरान चिन्हित की गई गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला को सक्रिय रूप से कार्यान्वित कर रहा है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप कोयला क्षेत्र में स्वच्छता, दक्षता और स्थिरता को प्रोत्साहन देने वाली कई सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाया गया है।
कार्यान्वयन चरण के दौरान 2 से 31 अक्टूबर 2025 तक उल्लेखनीय प्रगति हुई है। अब तक, 82,51,511 वर्ग फुट के लक्ष्य के मुकाबले 15,73,560 वर्ग फुट क्षेत्र को कवर करते हुए कुल 272 स्थलों की सफाई की गई है। लक्षित 8,678 मीट्रिक टन कबाड़ में से 1,307 मीट्रिक टन कबाड़ का निपटान किया गया है, जिससे 7,25,88,953 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त, 4,307 भौतिक और 8,028 इलेक्ट्रॉनिक फाइलों की समीक्षा की गई है, जिसके परिणामस्वरूप 5,100 फाइलों को हटा दिया गया है या बंद कर दिया गया है।
अभियान के दौरान कुछ सर्वोत्तम कार्यप्रणालियाँ, नवीन और प्रेरक पहल इस प्रकार हैं–
1- कचरे से कला
कोल इंडिया लिमिटेड का शुभंकर, “अंगारा“, केंद्रीय कार्यशाला, तडाली (डब्ल्यूसीएल) द्वारा पूरी तरह से लौह कबाड़ सामग्री से बनाया जा रहा है। इस शुभंकर का अनावरण 2 अक्टूबर 2025 को किया गया, जो कबाड़ सामग्री के रचनात्मक पुन: उपयोग के माध्यम से संगठन की नवोन्मेषी भावना और स्थिरता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
एक अनूठे रचनात्मक प्रयास में, एसईसीएल की गेवरा क्षेत्र स्थित केंद्रीय उत्खनन कार्यशाला (सीईडब्ल्यूएस) ने औद्योगिक कबाड़ को एक विशाल कलाकृति में बदल दिया है जो भारत की रक्षा तैयारियों और तकनीकी प्रगति का प्रतीक है। इस परियोजना में एस-400 एंटी–मिसाइल सिस्टम का एक मॉडल और एक रोबोट सैनिक प्रदर्शित किया गया है, जो ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित है, जिसने राष्ट्र की सुरक्षा में उन्नत रक्षा प्रणालियों के महत्व को दर्शाया था।
एक स्टोर रूम जो पहले बेकार अलमारियों और कैबिनेटों जैसी बेकार वस्तुओं से भरा हुआ था, उसे क्रेच में बदल दिया गया है, जिससे बच्चों के लिए एक सुरक्षित और पोषणकारी वातावरण तैयार हो रहा है, साथ ही कुशल स्थान उपयोग और संसाधनों के पुन: उपयोग का प्रदर्शन भी हो रहा है।
नागपुर क्षेत्र के पाटनसावंगी में, डब्ल्यूसीएल ने ‘पिंक डिस्पेंसरी’ शुरू की है – जो पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित है, जो कार्यस्थल पर करुणा, देखभाल, शक्ति और सशक्तिकरण के साथ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करती है।
एसईसीएल में, कोरबा में स्पेयर पार्ट्स आपूर्ति और प्रबंधन के लिए पहली बार पूर्णतः महिलाओं द्वारा संचालित केंद्रीय गोदाम का उद्घाटन किया गया। यह ऐतिहासिक पहल कोयला उद्योग में परिचालन और प्रबंधन भूमिकाओं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करती है, जो आत्मनिर्भर भारत और लैंगिक समावेशिता की भावना को और आगे बढ़ाती है।
एसईसीएल वर्तमान में 9 विभिन्न क्षेत्रों में 20 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों का संचालन कर रहा है। इन मशीनों का उपयोग कोयला परिवहन सड़कों के साथ–साथ कॉलोनी की सड़कों की सफाई के लिए किया जाता है।
कोयला मंत्रालय ने विशेष अभियान 5.0 के एक भाग के रूप में “साइबर जागृत भारत” पहल के अंतर्गत साइबर सुरक्षा पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यशाला का उद्देश्य अधिकारियों को साइबर खतरों के प्रति संवेदनशील बनाना, ऑनलाइन सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देना और मंत्रालय तथा उसके सार्वजनिक उपक्रमों के सभी डिजिटल कार्यों में मज़बूत साइबर स्वच्छता बनाए रखने के महत्व पर ज़ोर देना था।
कोयला मंत्रालय और उसके कोयला सार्वजनिक उपक्रम विशेष अभियान 5.0 के अंतर्गत अपने निरंतर प्रयासों के माध्यम से स्वच्छता, दक्षता, समावेशिता और स्थिरता को संस्थागत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो पिछले अभियानों की सफलता और गति को आगे बढ़ाएगा।
- “अंगारा” – कोल इंडिया लिमिटेड का शुभंकर