Wednesday, December 17, 2025
Latest:
Current Affairs

केरल में सहकारी क्षेत्र में चल रही जांच की स्थिति

केरल में सहकारी क्षेत्र में चल रही जांच की स्थिति

बहुराज्‍य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के उपबंधों के अधीन पंजीकृत सहकारी समितियां स्‍वायत्त सहकारी संगठनों के रूप कार्य करती हैं और अपने सदस्‍यों के प्रति उत्तरदायी होती हैं। बहुराज्‍य सहकारी समितियों को बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 और उसके अधीन बने नियमों के साथ पठित समिति की अनुमोदित उपविधियों के उपबंधों जिनमें समिति के सदस्‍यों, बोर्ड, साधारण निकाय और सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक (CRCS) की भूमिकाएं और शक्तियां शामिल हैं, के अनुसार कार्य करने की अपेक्षा होती है।

 

 बहुराज्‍य सहकारी समितियों के कार्यकरण में अनियमितताओं की दशा में संबंधित राज्‍य की सहकारी समितियों के पंजीयक और अन्‍य संबंधित एजेंसियों से बहुराज्‍य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 की धारा 108 और 78 के अधीन ऐसी समितियों का निरीक्षण/जांच-पड़ताल करने का अनुरोध किया जाता है। केरल राज्‍य में 4 बहुराज्‍य सहकारी समितियां अन्‍वेषणाधीन हैं। राज्‍य सहकारी सोसाइटी अधिनियम के अधीन पंजीकृत सहकारी संस्‍थानों के अन्‍वेषण से संबंधित सूचना केंद्रीय सरकार द्वारा अनुरक्षित नहीं की जाती है।

मौजूदा कानून के अनुसमर्थन द्वारा और सतानवेवां संविधान संशोधन के उपबंधों को अंतर्विष्ट करके बहुराज्‍य सहकारी समितियों में विनियमन, पारदर्शिता और जवाबदेही को सशक्‍त करने के लिए बहुराज्‍य सहकारी सोसाइटी अधिनियम और नियमों में व्‍यापक संशोधन किए गए और उन्‍हें क्रमश: दिनांक 03.08.2023 और दिनांक 04.08.2023 को अधिसूचित किया गया।

सहकारी समितियों के कार्यकरण में पारदर्शिता लाने के लिए उपर्युक्‍त संशोधन के माध्‍यम से अनेक उपबंध किए गए हैं, जिनमें अन्‍य बातों के साथ निम्‍नलिखित शामिल हैं: –

यह जानकारी केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

    1. बहुराज्‍य सहकारी समितियों में समयबद्ध, नियमित और पारदर्शी निर्वाचन कराने के लिए सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण का उपबंध शामिल किया गया है।
    2. सदस्‍यों की शिकायतों के निवारण हेतु एक तंत्र प्रदान करने के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा सहकारी ऑम्‍बड्समैन की नियुक्ति।
    3. पारदर्शिता में सुधार हेतु बहुराज्‍य सहकारी समितियों द्वारा सदस्‍यों को सूचना प्रदान करने के लिए सूचना अधिकारी की नियुक्ति।
    4. 500 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर/जमा वाली बहुराज्‍य सहकारी समितियों के लिए केंद्रीय पंजीयक द्वारा अनुमोदित संपरीक्षकों के पैनल द्वारा कॉनकरंट संपरीक्षण का प्रावधान किया गया है। कॉनकरंट संपरीक्षण से धोखाधड़ी या अनियमितताएं, यदि कोई हो, का जल्‍द पता लगना सुनिश्चित होगा और तदनुसार तत्‍काल सुधार किया जा सकेगा।
    5. पारदर्शिता में वृद्धि हेतु शीर्ष बहुराज्‍य सहकारी समितियों के संपरीक्षण रिपोर्टों को संसद में प्रस्‍तुत किया जाना।
    6. लेखांकन और संपरीक्षा में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा बहुराज्‍य सहकारी समितियों के लेखांकन और संपरीक्षण मानकों का निर्धारण।
    7. शासन और पारदर्शिता में सुधार हेतु बहुराज्‍य सहकारी समितियों की वार्षिक रिपोर्ट में बोर्ड के ऐसे निर्णयों को शामिल करना जो सर्वसम्‍मति से न लिए गए हों।
    8. केंद्रीय सरकार द्वारा थ्रिफ्ट और क्रेडिट का व्‍यवसाय करने वाली बहुराज्‍य सहकारी समितियों के लिए विवेकपूर्ण मानदंडों (तरलता, जोखिम, आदि) का निर्धारण।
    9. बहुराज्‍य सहकारी समितियों में परिवारवाद और पक्षपात की रोकथाम हेतु किसी बहुराज्‍य सहकारी समिति का निदेशक उन विचार-विमर्शों में उपस्थित नहीं होगा या उन मामलों में मतदान नहीं करेगा जहां वह स्‍वयं या उसके परिजन हितबद्ध पक्ष हों। 
    10. शासन में सुधार के लिए निदेशकों की अयोग्‍यता के अतिरिक्‍त आधार बनाए गए हैं।
    11. सुरक्षित निवेश और औपनिवेशिक युग से संबंधित प्रतिभूतियों को हटाने के लिए बहुराज्‍य सहकारी समितियों द्वारा निधियों के निवेश के उपबंधों को पुन:परिभाषित किया गया है।
    12. अधिक वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता के लिए बहुराज्‍य सहकारी समितियों के बोर्ड द्वारा अन्‍य गठित समितियों के साथ संपरीक्षा और आचार समिति का गठन किया जाएगा।
    13. शासन सशक्तीकरण हेतु मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (CEO) की नियुक्ति की शर्तों को विनिर्दिष्‍ट किया गया है।
    14. बहुराज्‍य सहकारी समितियों में लोकतांत्रिक निर्णयन को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड की बैठकों के लिए गणपूर्ति को विनिर्दिष्‍ट किया गया है।
    15. यदि केंद्रीय पंजीयक को यह सूचना मिलती है कि कपटपूर्ण तरीके से या किसी गैरकानूनी प्रयोजन से व्‍यवसाय किया जा रहा है तो वह जांच पड़ताल करा सकता है।
    16. यदि किसी बहुराज्‍य सहकारी समिति द्वारा दुर्व्‍यपदेशन (misrepresentation), कपट, इत्‍यादि से पंजीकरण प्राप्‍त किया गया हो तो सुनवाई का अवसर देने के पश्‍चात् के उसके परिसमापन का उपबंध किया गया है।
    17. बहुराज्‍य सहकारी समितियों के सामुहिक हितों के विरुद्ध सदस्‍यों को कार्य करने से हतोत्‍साहित करने के लिए बहुराज्‍य सहकारी समिति के किसी निष्‍कासित सदस्‍य की निष्‍कासन अवधि को 1 वर्ष से बढ़ा कर 3 वर्ष कर दिया गया है

आगंतुक पटल : 1810