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केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने अबू धाबी में आयोजित आईयूसीएन विश्व संरक्षण कांग्रेस, 2025 में सतत एवं प्रकृति के प्रति सकारात्मक शहरी विकास से संबंधित भारत के दृष्टिकोण को साझा किया

केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने अबू धाबी में आयोजित आईयूसीएन विश्व संरक्षण कांग्रेस, 2025 में सतत एवं प्रकृति के प्रति सकारात्मक शहरी विकास से संबंधित भारत के दृष्टिकोण को साझा किया

केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज सतत एवं प्रकृति के प्रति सकारात्मक शहरी विकास से संबंधित भारत के उस दृष्टिकोण को साझा किया, जिसके केन्द्र में लोगों और इस धरती को रखा गया है। वे अबू धाबी में आईयूसीएन विश्व संरक्षण कांग्रेस, 2025 के अवसर पर ‘हमारे शहरी पर्यावरण में परिवर्तन: स्थिरता के मार्गविषय पर आयोजित उच्च-स्तरीय संवाद के मंत्रिस्तरीय पैनल में भाग ले रहे थे।

Participated in the Ministerial Panel at the High-Level Dialogue on “Transforming our Urban Environment: Pathways to Sustainability”on the sidelines on International Union for Conservation of Nature Conference, 2025 at Abudhabi.
Shared India’s vision for sustainable,… pic.twitter.com/NsoaNXhf6A

श्री सिंह ने बताया कि कार्बन बाजारों को बढ़ावा देने और नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के भारत के प्रयास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए ‘मिशन लाइफ’ के आह्वान को साकार करने की दिशा में एक कदम हैं। यह मिशन दुनिया भर में स्थिरता से जुड़ी पहलों के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का दृष्टिकोण एकीकृत नियोजन, मापनीय मिशन और नागरिक-केन्द्रित व्यवहार  परिवर्तन पर जोर देता है।

स्मार्ट सिटी मिशन जैसी प्रमुख पहल ऊर्जा संबंधी दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण, सतत गतिशीलता और सुदृढ़ बुनियादी ढांचे को मुख्यधारा में लाती हैं। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार तीन प्रमुख स्तंभों के जरिए भारत के शहरों को सहायता प्रदान कर रही है:

श्री सिंह ने कहा कि सही दृष्टिकोण, वित्त और नागरिक सहभागिता के साथ, शहरीकरण निम्न-कार्बन उत्सर्जन एवं समावेशी विकास का एक सशक्त वाहक बन सकता है। भारत ने नीतिगत समर्थन, लक्षित योजनाओं और वित्तीय प्रोत्साहनों को मिलाकर एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने भारत के कुछ राष्ट्रीय कार्यक्रमों के बारे में बात की, उदाहरणस्वरूप:

भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, श्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सरकारों की भूमिका ऐसे स्थिर नीतिगत ढांचे प्रदान करने की है जो शहरों को उनके उपनियमों और विकास नियमों को अद्यतन करने में सहायता करें। उन्हें नवोन्मेषी वित्त की सुलभता बढ़ाने और प्रौद्योगिकी संबंधी साझेदारी को गहरा करने की दिशा में काम करना चाहिए।

इससे सघन, परिवहन-उन्मुख और ऊर्जा की दृष्टि से किफायती शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस तरह के सहयोग से, शहर ऊर्जा के मामले में कुशल, कम उत्सर्जन वाले और जलवायु के अनुकूल मार्गों की ओर तेजी से आगे बढ़ सकेंगे जिससे उनके नागरिकों और इस धरती को लाभ होगा।

अपने संबोधन का समापन करते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अब जबकि भारत सहित ग्लोबल साउथ के देश तेजी से शहरीकरण कर रहे हैं, इसलिए हमारा लक्ष्य ऐसे शहरों का निर्माण करना होना चाहिए जो रहने योग्य, हरे-भरे और समावेशी हों – जहां मानवीय स्पर्श को खोए बिना आकांक्षाएं फल-फूल सकें।

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