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केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में ग्रामीण नैदानिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए 151 करोड़ रुपये से अधिक का स्वास्थ्य क्षेत्र अनुदान जारी किया

केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में ग्रामीण नैदानिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए 151 करोड़ रुपये से अधिक का स्वास्थ्य क्षेत्र अनुदान जारी किया

भारत सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए उप-केंद्रों (ग्रामीण) के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु नैदानिक ​​अवसंरचना हेतु सहायता” घटक के अंतर्गत पश्चिम बंगाल सरकार को पंद्रहवें वित्त आयोग (XV एफसी) स्वास्थ्य क्षेत्र अनुदान की 15104.01 लाख रुपये (151 करोड़ रुपये से अधिक ) राशि जारी की है। यह अनुदान स्थानीय शासन के माध्यम से सभी के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देते हुए, स्थानीय सतत विकास लक्ष्य (एलएसडीजी) के अंतर्गत स्वस्थ पंचायत दृष्टिकोण का समर्थन करता है। यह “स्वस्थ पंचायतों के माध्यम से 2047 तक विकसित भारत” के लक्ष्य को सुदृढ़ करने और लचीले और सतत ग्रामीण समुदायों को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।

पंद्रहवें वित्त आयोग (XV एफसी) द्वारा अनुशंसित स्वास्थ्य क्षेत्र अनुदान का उपयोग प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं को पूरी तरह से सुसज्जित करने के लिए किया जाना है ताकि वे ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक नैदानिक ​​सेवाएँ प्रदान कर सकें। यह धनराशि जमीनी स्तर पर नैदानिक ​​बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने में मदद करेगी, जिससे उन गाँवों के नागरिकों को लाभ होगा जहां पंचायती राज संस्थाएं कार्यरत हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सिफारिशों पर वित्त मंत्रालय द्वारा पंद्रहवें वित्त आयोग (XV एफसी) के स्वास्थ्य क्षेत्र अनुदान जारी किए जाते हैं। राज्यों को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि धनराशि का उपयोग भारत सरकार द्वारा जारी परिचालन और तकनीकी दिशानिर्देशों के अनुसार सख्ती से किया जाए और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) या प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (पीएम-एएसबीवाई) जैसी अन्य योजनाओं के साथ कोई दोहराव न हो।

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