केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह मछली महोत्सव का उद्घाटन करेंगे, त्रिपुरा में 42.4 करोड़ रुपये के एकीकृत जल पार्क की आधारशिला रखेंगे
केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह मछली महोत्सव का उद्घाटन करेंगे, त्रिपुरा में 42.4 करोड़ रुपये के एकीकृत जल पार्क की आधारशिला रखेंगे
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (एमओएफएएच एंड डी) और पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह 18 मई 2025 को त्रिपुरा के अगरतला में एकीकृत जल पार्क (कैलाशहर, त्रिपुरा में स्थित) की आधारशिला रखेंगे और एक दिवसीय मछली महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। यह एकीकृत जल पार्क (इन्टग्रैटिड एक्वापार्क) प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 42.4 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के साथ-साथ त्रिपुरा सरकार के मत्स्यपालन मंत्री श्री सुधांशु दास भी शामिल होंगे।
इस अवसर पर मत्स्य पालन क्षेत्र के विभिन्न लाभार्थियों को प्रमाण पत्र/स्वीकृति आदेश वितरित किए जाएंगे, जिसमें पात्र मछुआरों और मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) वितरित किए जाएंगे। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली सहकारी समितियों, मछली पालक उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ) और मत्स्य पालन स्टार्ट-अप को भी इस क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत समर्थित लाभार्थियों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे, जो समावेशी और सतत विकास के प्रति सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को उजागर करेंगे।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मत्स्य पालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय एक प्रमुख हस्तक्षेप के रूप में एकीकृत जलपार्क की स्थापना को प्राथमिकता दे रहा है। इन जलपार्कों की अवधारणा एकीकृत हब के रूप में की गई है जो मछली पालने के स्थान और कच्चे माल को पशु आहार में संसाधित करने वाली ‘फीड मिल’ से लेकर कोल्ड स्टोरेज, प्रसंस्करण, प्रशिक्षण और विपणन तक की सेवाएं एक ही छत के नीचे प्रदान करते हैं। ये सुविधाएं केवल भौतिक संरचनाएं नहीं हैं; वे मूल्य श्रृंखला विकास, नवाचार और विशेष रूप से क्षेत्र के युवाओं और महिलाओं के आजीविका सृजन के लिए उत्प्रेरक हैं। पार्क ‘हब-एंड-स्पोक मॉडल’ पर संचालित होंगे, जो क्षेत्रीय आवश्यकताओं और विशिष्ट विषयगत क्षेत्रों को संबोधित करने के लिए अनुकूलित हैं। यह एकीकृत दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि उत्पादन और प्रसंस्करण से लेकर खुदरा तक मत्स्य पालन और जलीय कृषि मूल्य श्रृंखला के सभी पहलुओं को शुरू से अंत तक समाधान प्रदान करके, उत्पादन को अधिकतम करके और सतत विकास को बढ़ावा देकर समर्थन दिया जाए। त्रिपुरा इस प्रयास में अग्रणी बनकर उभरा है। प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 29 किलोग्राम से अधिक की उच्च मछली खपत दर वाले राज्य ने हाल के वर्षों में मत्स्य पालन क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और नीली क्रांति के तहत, राज्य को 100 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मिली हैं। पिछले 10 वर्षों के दौरान जलकृषि विस्तार, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी समावेशन, मछुआरों के कल्याण और बाजार हस्तक्षेप को समर्थन देने के लिए 319 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
त्रिपुरा के कैलाशहर में एकीकृत जल पार्क राज्य में मछली उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन के उद्देश्य से बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए आधारशिला के रूप में काम करेगा, जिससे इसके मूल्य श्रृंखला में व्यापक स्तर पर हितधारकों को लाभ मिलेगा।