Tuesday, December 16, 2025
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केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह की अध्यक्षता में पंचायती राज मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक संपन्न

केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह की अध्यक्षता में पंचायती राज मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक संपन्न

केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की अध्यक्षता में 15 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में पंचायती राज मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन संपन्न हुआ। बैठक में केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो.एस.पी. सिंह बघेल, सचिव, पंचायती राज मंत्रालय विवेक भारद्वाज, हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य एवं मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि हिंदी को गाँव-गाँव और जन-जन की भाषा बनाने की दिशा में पंचायती राज मंत्रालय अपने विभिन्न पहलों और प्रयासों के माध्यम से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों को निरंतर जारी रखने से सरकारी कार्यों में हिंदी के प्रयोग, जन-संवाद और जन-जागरूकता में अपेक्षित सफलता प्राप्त होगी तथा मंत्रालय इस दिशा में ठोस रणनीति के साथ कार्य करता रहेगा। केंद्रीय मंत्री ने बैठक में समिति के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि मंत्रालय इन सुझावों को संज्ञान में लेकर उनकी समीक्षा करेगा तथा व्यवहार में लाए जा सकने वाले सुझावों के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक नीतिगत निर्णय एवं व्यावहारिक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदी देश में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है और इसके माध्यम से शासकीय कार्य सहजता एवं प्रभावी रूप से किए जा सकते हैं। उन्होंने युवाओं के बीच हिंदी के अधिक प्रयोग तथा इसके प्रचार-प्रसार को और सुदृढ़ किए जाने पर बल दिया।

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री, प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने कहा कि पंचायती राज मंत्रालय हिंदी को राजभाषा और जन-भाषा दोनों रूपों में सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है, ताकि शासन की योजनाएँ, निर्णय और सूचनाएँ आम नागरिकों तक सरल और प्रभावी ढंग से पहुँच सकें। उन्होंने कहा कि मंत्रालय अपने कार्यक्रमों, अभियानों, अधिसूचनाओं और कार्य-व्यवहार में सरल, स्पष्ट और जनसुलभ हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दे रहा है, जिससे ग्राम पंचायत स्तर से लेकर नीति-निर्माण तक प्रशासन अधिक समावेशी और प्रभावी बन रहा है। उन्होंने मंत्रालय द्वारा डिजिटल एप्लीकेशन, जैसे ई-ग्रामस्वराज एवं सभासार में भाषिणी एप्लिकेशन के उपयोग के माध्यम से हिंदी सहित देश की 22 भाषाओं में सरल रूपांतरण की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिंदी में कार्य करने से भारतीयता की अनुभूति के साथ-साथ गर्व का भाव भी उत्पन्न होता है।

इस अवसर पर सचिव, पंचायती राज मंत्रालय श्री विवेक भारद्वाज ने कहा कि मंत्रालय में हिंदी के प्रयोग में निरंतर प्रगति हो रही है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय द्वारा हिंदी के मौलिक एवं प्रभावी प्रयोग को विशेष महत्व दिया जा रहा है तथा हिंदी में कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहित और सम्मानित किया जाता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मंत्रालय की वेबसाइट पूर्णतः हिंदी में उपलब्ध है और डिफॉल्ट रूप से हिंदी में ही खुलती है। इसके साथ ही, मंत्रालय के पत्राचार, प्रकाशनों और डिजिटल एवं सोशल मीडिया संचार में हिंदी को प्राथमिकता दी जा रही है। हिंदी में प्राप्त पत्रों का उत्तर हिंदी में ही दिया जाता है, जिससे राजभाषा के प्रयोग को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है।

बैठक में श्री सुशील कुमार लोहानी, अपर सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, ने कहा कि पंचायती राज के कार्यों में हिंदी के बढ़ते प्रयोग से राजभाषा का प्रचार-प्रसार सुदृढ़ हो रहा है और विकास से जुड़ी जानकारी आम नागरिकों तक सरलता और स्पष्टता के साथ पहुँच रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा हिंदी के व्यवहारिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं, डिजिटल माध्यमों तथा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

बैठक के दौरान हिंदी सलाहकार समिति के सदस्यों ने अपने महत्वपूर्ण एवं उपयोगी सुझाव प्रस्तुत किए। इनमें राजभाषा द्वारा निर्धारित “क” क्षेत्र के राज्यों में हिंदी में ही पत्राचार किए जाने, गाँवों में दिशा एवं स्थान सूचक बोर्ड स्थानीय भाषा के साथ-साथ हिंदी में लगाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं / बच्चों को हिंदी से जोड़ने उपयोगी सुझाव शामिल रहे।

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