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केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) अनुसंधान और प्रशासनिक योजना को मजबूत करने के लिए “मंथन-2025” का आयोजन कर रहा है

केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) अनुसंधान और प्रशासनिक योजना को मजबूत करने के लिए “मंथन-2025” का आयोजन कर रहा है

केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (आरएआरआई), लखनऊ में 13 से 14 अक्टूबर 2025 तक दो दिवसीय योजना एवं समीक्षा बैठक, “सीसीआरएएस-मंथन-2025” का आयोजन कर रहा है। मंथन-2025, वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए व्यापक कार्य निष्पादन समीक्षा, रणनीतिक योजना और अनुसंधान गतिविधियों के समन्वय पर केंद्रित है। इस बैठक में सभी सीसीआरएएस संस्थानों के प्रमुख, सीसीआरएएस मुख्यालय के कार्यक्रम और नोडल अधिकारी, प्रमुख अनुसंधान और प्रशासनिक क्षेत्रों पर विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित होंगे।

उद्घाटन भाषण देते हुए, सीसीआरएएस के महानिदेशक, प्रो. रविनारायण आचार्य ने आयुर्वेद में वैज्ञानिक प्रगति में तेजी लाने के लिए अंतर-संस्थागत सहयोग को मजबूत करने और बहु-विषयक दृष्टिकोण एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने शोधकर्ताओं से ऐसे अनुवादात्मक अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया जो आयुर्वेद की विश्वसनीयता और वैश्विक पहुँच को बढ़ाने के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक मान्यता के साथ जोड़ता है।

मंथन- 2025 के दौरान नैदानिक ​​अनुसंधान, औषधि विकास, औषध विज्ञान, जन स्वास्थ्य, औषधीय पादप अनुसंधान, साहित्यिक एवं मौलिक अनुसंधान, बाह्य अनुसंधान (ईएमआर), मानव संसाधन विकास, वित्त, प्रशासन, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रकाशन और गुणवत्ता आश्वासन सहित विविध क्षेत्रों पर केंद्रित चर्चाएं होंगी। विचार-विमर्श का उद्देश्य समन्वय को सुदृढ़ करना, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और परिषद के अनुसंधान अधिदेश को आगे बढ़ाने के लिए प्रभावी योजना सुनिश्चित करना है।

अपनी स्थापना के बाद से, सीसीआरएएस आयुर्वेद में साक्ष्य-आधारित अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने में अग्रणी रहा है। देश भर में 30 संस्थानों के नेटवर्क के साथ, परिषद द्वारा वैज्ञानिक साक्ष्य विकसित करने, आयुर्वेदिक प्रथाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दवाओं का मानकीकरण करने और अनुसंधान परिणामों को जनहित के लिए व्यावहारिक स्वास्थ्य समाधानों में परिवर्तित करने का कार्य जारी है।

अपनी समीक्षा और नियोजन प्रणाली के एक भाग के रूप में, सीसीआरएएस ने प्रगति का आकलन करने और रणनीतिक दिशाएँ निर्धारित करने के लिए वार्षिक बैठकों को संस्थागत रूप दिया है। इस वर्ष की शुरुआत में, जयपुर में अवलोकन-2025 का आयोजन किया गया था, जहाँ आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने अनुसंधान और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए बहुमूल्य सुझाव प्रदान किए थे।

सीसीआरएएस- मंथन- 2025 के उद्घाटन सत्र में सीएसआईआर- एनबीआरआई के निदेशक डॉ. अजीत कुमार शासनी, सीसीआरएएस के उप निदेशक (प्रशासन) श्री दीपक कोचर और सीसीआरएएस के उप महानिदेशक डॉ. नारायणम श्रीकांत उपस्थित थे।

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