कृषि-पर्यटन का संवर्धन
कृषि-पर्यटन का संवर्धन
कृषि-पर्यटन तथा फ़ार्म स्टे सहित पर्यटन स्थलों तथा उत्पादों का विकास एवं संवर्धन संबंधित राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रशासन द्वारा किया जाता है। वर्तमान में पर्यटन मंत्रालय के पास कृषि-पर्यटन नीति तैयार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। तथापि, पर्यटन मंत्रालय ने ग्रामीण पर्यटन एवं ग्रामीण होमस्टे के विकास हेतु राष्ट्रीय रणनीतियाँ एवं रोडमैप तैयार किए हैं, जिन्हें राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को प्रेषित किया गया है।
पर्यटन मंत्रालय विभिन्न पहलों के माध्यम से भारत का संवर्धन समग्र रूप से करता है। वर्तमान में चल रही गतिविधियों के तहत, ग्रामीण पर्यटन का भी संवर्धन किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्रालय ‘स्वदेश दर्शन’ की अपनी केंद्रीय क्षेत्रीय योजनाओं, ‘तीर्थस्थल पुनरुद्धार एवं आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रशाद)’ और ‘पर्यटन अवसंरचना विकास के लिए केंद्रीय एजेंसियों को सहायता’ के माध्यम से देश में पर्यटन अवसंरचना विकास हेतु राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। केंद्रीय वित्तीय सहायता दिशानिर्देशों के अनुसार और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से प्राप्त प्रस्तावों/विस्तृत परियोजना रिपोर्टों के आधार पर दी जा रही है। स्वदेश दर्शन योजना के ग्रामीण और जनजातीय सर्किटों के तहत अनुमोदित परियोजनाओं का विवरण परिशिष्ट में दिया गया है।
जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के जनजातीय उप-योजना (टीएसपी) घटक के तहत कुल योजना आवंटन का 4.3% अर्थात् ₹103 करोड़ आरक्षित किया है, जिसमें ₹88 करोड़ जनजातीय क्षेत्र उप-योजना और ₹15 करोड़ प्रधान मंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (पीएम-जेयूजीए) के तहत शामिल हैं। इस समर्पित व्यय शीर्षक से अनुसूचित जनजातियों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में केंद्रित निवेश सुनिश्चित होता है, जिससे सांस्कृतिक संरक्षण, आर्थिक उत्थान और समावेशी पर्यटन विकास में सहायता मिलती है।
अवसंरचना विकास के अतिरिक्त, मंत्रालय ने जनजातीय क्षेत्रों में आजीविका संवर्धन के लिए लक्षित पहलें की हैं, जैसे पीएम-जेयूजीए ‘जनजातीय क्षेत्रों में होमस्टे का विकास’। इस पहल का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में 1,000 होमस्टे स्थापित करने में सहायता प्रदान करना है, जिसमें ग्रामीण समुदाय की आवश्यकताओं के लिए ₹5 लाख तक की वित्तीय सहायता, प्रत्येक घर में दो नए कमरे बनाने के लिए ₹5 लाख, और मौजूदा कमरों के नवीनीकरण के लिए ₹3 लाख के साथ-साथ होमस्टे मालिकों के तकनीकी प्रशिक्षण और कौशल संवर्धन की व्यवस्था शामिल है। ये उपायों का मक़सद सतत् पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटन से जुड़ी आजीविका सृजन में प्रणालीगत चुनौतियों को संबोधित करना हैं। अभी तक, पीएम–जेयूजीए होमस्टे पहल के तहत कोई धनराशि जारी नहीं की गई है।
केरल सरकार ने सूचित किया है कि वह महिलाओं को समर्थन देने के लिए अपनी महिला अनुकूल पर्यटन पहल के माध्यम से सक्रिय पहल कर रही है, जिसे केरल रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म मिशन (केआरटीएम) सोसाइटी द्वारा लागू किया गया है। अक्टूबर 2022 में लॉन्च किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य केरल को सुरक्षित तथा महिलाओं के अनुकूल पर्यटन गंतव्य बनाना और इस क्षेत्र में महिलाओं के उद्यमों तथा रोजगार को बढ़ावा देना है। अब तक, 17,000 से अधिक महिलाओं ने पंजीकरण कराया है, और टूर लीडर्स, ऑपरेटर्स, ड्राइवर्स, होमस्टे मैनेजर्स, और पारंपरिक कला एवं सस्कृति इकाइयों के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। वायनाड क्षेत्र के जनजातीय इलाकों में विभिन्न प्रशिक्षण और ग्रामीण जीवन अनुभव पैकेज प्रदान किए गए हैं।
यह जानकारी आज लोकसभा में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा लिखित उत्तर में दी गई।
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परिशिष्ट
स्वदेश दर्शन योजना के ग्रामीण और जनजातीय सर्किटों के तहत अनुमोदित परियोजनाओं की सूची निम्नलिखित है:-
ग्रामीण सर्किट (करोड़ रु. में)
क्रम संख्या
राज्य/यूटी
सर्किट / स्वीकृति का वर्ष
परियोजना का नाम
स्वीकृत धनराशि
1.
बिहार
ग्रामीण सर्किट
2017-18
भितिहरवा–चन्द्रहिया–तुर्कौलिया का विकास
44.27
2.
केरल
ग्रामीण सर्किट
2018-19
मलनाड मालाबार क्रूज़ पर्यटन परियोजना का विकास
57.35
जनजातीय सर्किट (करोड़ रु. में)
क्रम संख्या
राज्य/यूटी
सर्किट / स्वीकृति का वर्ष
परियोजना का नाम
स्वीकृत धनराशि
1.
छत्तीसगढ़
जनजातीय सर्किट
2015-16
जशपुर–कुनकुरी–मैनपाट–कमलेशपुर–महेशपुर–कुर्दार–सरोधादादर–गंगरेल–कोंडागांव–नथियानावागांव–जगदलपुर–चित्रकूट–तीर्थगढ़ का विकास
96.10
2.
नागालैंड
जनजातीय सर्किट
2015-16
जनजातीय सर्किट पेरेन–कोहिमा–वोखा का विकास
97.36
3.
नागालैंड
जनजातीय सर्किट
2016-17
मोकोकचुंग–तुएनसांग–मोन का विकास
98.14
4.
तेलंगाना
जनजातीय सर्किट
2016-17
मुलुगु–लक्नावरम–मेडावरम–तडवई–दमरावी–मल्लूर–बोगाथा जलप्रपात का विकास
79.87