काशी तमिल संगमम् 4.0 का 13वाँ दिन, तमिलनाडु से आया सातवां दल, डमरू वादन और पुष्पवर्षा के बीच हुआ स्वागत
काशी तमिल संगमम् 4.0 का 13वाँ दिन, तमिलनाडु से आया सातवां दल, डमरू वादन और पुष्पवर्षा के बीच हुआ स्वागत
काशी तमिल संगमम 4.0 में शामिल होने के लिए तमिलनाडु से सातवां आध्यात्मिक दल विशेष ट्रेन से बनारस रेलवे स्टेशन पहुंचा। स्टेशन पर उतरते ही इस दल का पारंपरिक तरीके से डमरू वादन,पुष्प वर्षा और ‘हर-हर महादेव’ तथा ‘वणक्कम काशी’ के उद्घोष से भव्य स्वागत किया गया। स्टेशन पर पारंपरिक स्वागत देखकर तमिल दल के सदस्यों में खासा उत्साह देखने को मिला।

कई लोगों ने कहा कि काशी में मिल रही आध्यात्मिक वातावरण उनके लिए अविस्मरणीय है। डमरू वादन की ध्वनि से पूरा परिसर शिवमय हो गया और काशी व तमिलनाडु की सांस्कृतिक एकता की झलक साफ दिखाई दी।
इस दल में शामिल रामानुज ने कहा कि यह पहल भारत की दो प्राचीन सभ्यताओं काशी और तमिलनाडु के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संबंधों का उत्सव है। सदियों से तीर्थयात्रियों, विद्वानों और साधकों ने दोनों क्षेत्रों के बीच ज्ञान, भाषा और परंपराओं का आदान-प्रदान किया है। संगमम उसी ऐतिहासिक जुड़ाव को आधुनिक संदर्भ में पुनर्स्थापित करता है। हम काफी उत्साहित हैं काशी, प्रयागराज और अयोध्या भ्रमण करने के लिए।