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कानून के शासन का प्रभावी क्रियान्वयन आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है: लोकसभा अध्यक्ष

कानून के शासन का प्रभावी क्रियान्वयन आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है: लोकसभा अध्यक्ष

लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज जोर देते हुए कहा कि कानून का शासन और उसका प्रभावी क्रियान्वयन आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है और 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए जरूरी है। उन्होंने यह बात संसदीय लोकतंत्र अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (पीआरआईडीई- प्राइड) की ओर से आयोजित दो दिवसीय प्रशंसा पाठ्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 77वें राष्ट्रीय पुलिस बैच के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही।

संसद के अध्ययन दौरे पर आए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 77वें आरआर बैच के अधिकारियों के एप्रिसिएशन कोर्स के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया।
भारत की संसद और संसदीय प्रणाली विश्व के समक्ष मानक है। लोकतंत्र का यह सर्वोच्च संस्थान करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम… pic.twitter.com/20pBWbeXBx

श्री बिरला ने कहा कि विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों और नीतियों को युवा सिविल सेवकों द्वारा जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सिविल सेवकों को संविधान की भावना के अनुरूप कर्तव्यों का निर्वहन और आचरण करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उनके आचरण में बाबा साहेब बी.आर. अंबेडकर द्वारा प्रतिपादित जनसेवा की भावना प्रतिबिम्बित होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत का संविधान राष्ट्र का मार्गदर्शन करता रहेगा। उन्होंने कहा कि व्यापक बहस और विचार-विमर्श के बाद, संविधान सभा ने एक ऐसा संविधान बनाया जो आज भी गौरव और मार्गदर्शन का स्रोत है और जिसकी दुनिया भर में प्रशंसा होती है।

भावी अधिकारियों का आह्वान किया कि नव भारत को न्यायप्रिय बनाने वाले तीन नए आपराधिक क़ानूनों का विस्तृत अध्ययन करें, संसदीय समितियों की रिपोर्ट्स पढ़ें। आज बेहतर तकनीक और स्मार्ट पुलिसिंग से अपराध नियंत्रण संभव हुआ है, ऐसे में अपने आप को अपडेट रखकर युवा अधिकारी समाज में बड़ा बदलाव… pic.twitter.com/xRtHLAYDls

युवा आईपीएस अधिकारियों को ‘सेवा’ और ‘समर्पण’ का मंत्र देते हुए, श्री बिरला ने उनसे आग्रह किया कि वे अपने काम को केवल एक दायित्व न मानकर, सच्ची सेवा और समर्पण की भावना से अपना कर्तव्य निभाएं। उन्होंने कहा कि ईमानदारी, समर्पण और देशभक्ति के साथ काम करने वाले अधिकारी जनता का विश्वास और सम्मान पाते हैं। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा करने से अद्वितीय उपलब्धि प्राप्त होती है और व्यक्तिगत संतुष्टि का अनुभव होता है।

स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के संवैधानिक मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए, श्री बिरला ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को अक्सर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद, समाज के सबसे कमजोर वर्गों की सेवा के लिए काम करना चाहिए और उन लोगों को न्याय सुनिश्चित करना चाहिए जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि युवा आईपीएस अधिकारियों पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारियां और जनता की अपेक्षाएं होती हैं, जिन्हें अपनी पूरी क्षमता से पूरा करने का उन्हें प्रयास करना चाहिए।

पुलिस अधिकारी जनता से जितने अधिक संवादशील होंगे, उतनी ही बेहतर पुलिसिंग होगी।https://t.co/rHjY4z4OgA pic.twitter.com/vHUCRSIxKH

श्री बिरला ने सार्वजनिक जीवन में अपने लंबे सफ़र का हवाला देते हुए समाज की बेहतरी के लिए जनप्रतिनिधियों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच घनिष्ठ समन्वय से काम करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने और क़ानून के शासन को बनाए रखने के लिए पुलिस अधिकारियों को उन समुदायों के साथ घनिष्ठ संपर्क बनाए रखना चाहिए जिनकी वे सेवा करते हैं।

श्री बिरला ने आईपीएस में महिला अधिकारियों की बढ़ती संख्या की भी सराहना की और उनकी संवेदनशीलता और सहानुभूति को रेखांकित किया, जिससे पुलिस बल को मजबूती मिलती है और जनता के प्रति सेवा कार्य में सुधार होता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आईपीएस अधिकारियों को पारंपरिक पुलिस कर्तव्यों के साथ-साथ साइबर अपराध और आपदा प्रबंधन जैसी आधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिए तकनीकी तौर पर कुशल होना चाहिए और चौतरफा जानकारी रखनी चाहिए।

विधायिका कानून का निर्माण करती है, मगर कानून और नीतियों का एक्जीक्यूशन कार्यपालिका की जिम्मेदारी होती है। प्रशासनिक व्यवस्था में पुलिस की इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका है।https://t.co/2wY4EhVoNp pic.twitter.com/PCLHHWTntu

उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को संसद से पारित तीन नए दंड संहिताओं का गहन अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वे कानून को अक्षरशः समझ सकें और उसके पीछे की मूल भावना से परिचित हो सकें। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आईपीएस अधिकारियों को संगठित अपराध, आतंकवाद और साइबर अपराध जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से निपटने में वैश्विक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, साथ ही निर्दोषों की रक्षा और दोषियों को पकड़ने के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।

लोक सभा महासचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया। लोक सभा सचिवालय के संयुक्त सचिव श्री गौरव गोयल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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