कपड़ा क्षेत्र में अनुसंधान नवाचार एवं प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा
कपड़ा क्षेत्र में अनुसंधान नवाचार एवं प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा
भारत सरकार ने वस्त्र केंद्रित अनुसंधान, मूल्यांकन, निगरानी, योजना और स्टार्ट-अप (टेक्स-रैम्प्स) योजना को छह वर्षों (वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2030-31) में 305 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मंजूरी प्रदान की है। टेक्स-रैम्प्स के पांच घटक निम्नलिखित हैं:
इसके अलावा, आयात प्रतिस्थापन सुनिश्चित करने और तकनीकी वस्त्रों एवं विशेष रेशों की निर्यात क्षमता को बढ़ाने करने के उद्देश्य से, सरकार ने 1,480 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) को वित्त वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक चार वर्षों की अवधि के लिए अनुमोदित किया था। मिशन को 31.03.2026 तक (31.03.28 तक समाप्ति अवधि) आगे बढ़ाया गया है। 1,480 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय में से 1,000 करोड़ रुपये अनुसंधान एवं विकास के लिए आवंटित किए गए हैं।
व्यय विभाग के निर्देशों के अनुसार, योजनाओं के प्रभावों का मूल्यांकन योजनाओं को जारी रखने के लिए किया जाता है। इस संदर्भ में, नीति आयोग ने व्यय विभाग के परामर्श से केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं का मूल्यांकन करने के लिए एक मानक संदर्भ मानदंड (टीओआर) टेम्पलेट विकसित किया है।
यह जानकारी कपड़ा राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
- अनुसंधान एवं प्रसार – स्मार्ट वस्त्रों, स्थिरता, उत्पादन दक्षता आदि क्षेत्रों में लक्षित अनुसंधान को समर्थन प्रदान करना।
- आकलन एवं मूल्यांकन अध्ययन – क्षेत्रीय निदान, रुझान पूर्वानुमान एवं आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषण शामिल।
- निगरानी एवं सांख्यिकी प्रणाली – डेटा संग्रह एवं विश्लेषण को सुदृढ़ करने के लिए।
- योजना एवं क्षमता विकास – आयोजनों तथा सहयोगात्मक मंचों के माध्यम से राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय वस्त्र योजना एवं हितधारकों की सहभागिता का समर्थन करना।
- स्टार्टअप एवं नवाचार – उच्च मूल्य और निर्यात उन्मुख उद्यमों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, इनक्यूबेटर, हैकथॉन एवं अकादमिक-उद्योग साझेदारी के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देना।