एसईसीआई ने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 60 गीगावाट बिजली बिक्री समझौतों को निष्पादित करने की उपलब्धि हासिल की, जिससे भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण का मार्ग प्रशस्त हुआ
एसईसीआई ने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 60 गीगावाट बिजली बिक्री समझौतों को निष्पादित करने की उपलब्धि हासिल की, जिससे भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण का मार्ग प्रशस्त हुआ
नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत नवरत्न केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (एसईसीआई) ने अक्षय ऊर्जा (आरई) क्षमता के 60 गीगावाट (जीडब्ल्यू) से अधिक बिजली बिक्री समझौतों (पीएसए) को निष्पादित करने की उपलब्धि हासिल की है। यह स्वच्छ एवं टिकाऊ ऊर्जा भविष्य की दिशा में राष्ट्र की प्रगति में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और देश भर में अक्षय ऊर्जा के उपयोग की सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है।
बिजली बिक्री समझौते में सौर, पवन और हाइब्रिड ऊर्जा परियोजनाओं के विविध पोर्टफोलियो शामिल हैं, जो सामूहिक रूप से भारत की बढ़ती अक्षय ऊर्जा क्षमता के एक महत्वपूर्ण हिस्से को दर्शाते हैं। इन समझौतों के माध्यम से, एसईसीआई उत्पादित बिजली की दीर्घकालिक खरीद की गारंटी देता है, डेवलपर्स और निवेशकों को भुगतान सुरक्षा प्रदान करता है, जबकि देश में अक्षय ऊर्जा उपक्रमों की व्यवहार्यता को भी दर्शाता है। भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए ऐसी दीर्घकालिक व्यवस्थाएं महत्वपूर्ण हैं। अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल सुनिश्चित करके, एसईसीआई अक्षय ऊर्जा बाजार को मजबूत करता है, डेवलपर्स और वित्तीय हितधारकों को आकर्षित करता है, भारत की कम कार्बन अर्थव्यवस्था के लिए पूंजी के प्रवाह को सुविधाजनक बनाता है।
एसईसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री संतोष कुमार सारंगी ने कहा, “स्थापना के मात्र चौदह वर्षों के भीतर 60 गीगावाट मूल्य के विद्युत विक्रय समझौतों पर हस्ताक्षर करना एसईसीआई के सफर का एक महत्वपूर्ण क्षण है। एसईसीआई यह सुनिश्चित करने में सबसे आगे है कि भारत अपने महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ता रहे। हमें एक टिकाऊ और कम कार्बन भविष्य की ओर देश के संक्रमण में योगदान करने पर गर्व है।”
भविष्य की पहलों में नवीन ऊर्जा भंडारण समाधानों, अक्षय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के उत्पादन को आगे बढ़ाने के साथ-साथ नवीन बिजली आपूर्ति मॉडल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। ये प्रयास अक्षय ऊर्जा संक्रमण को गति देंगे और भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सहयोग करेंगे।