उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने जेएसएस उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान अकादमी, मैसूर के 16वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया
उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने जेएसएस उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान अकादमी, मैसूर के 16वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया
उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने आज मैसूर के श्री शिवरात्रिश्वर नगर में आयोजित जेएसएस उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान अकादमी (जेएसएस एएचईआर) के 16वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। उपराष्ट्रपति ने अपने दीक्षांत भाषण में निरंतर मेहनत को सफलता की कुंजी बताया। उन्होंने हर छात्र से आग्रह किया कि वे अपनी विशेष प्रतिभा को पहचानें और अपनी क्षमता के अनुसार व्यक्तिगत लक्ष्य तय करें। स्वामी विवेकानंद के संदेश का उल्लेख करते हुए उन्होंने छात्रों को “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए” के लिए प्रेरित करते हुए चुनौतियों का सामना करने में दृढ़ता और लचीलेपन पर ज़ोर दिया।
Hon’ble Vice-President Shri C. P. Radhakrishnan graced the 16th Convocation Ceremony of JSS Academy of Higher Education & Research (JSS AHER) in Mysuru as the Chief Guest today.
Addressing the gathering, the Vice-President lauded Karnataka’s rich culture and heritage and… pic.twitter.com/gDsq9lllhh
कर्नाटक की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कन्नड़ को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता मिलने पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) की सराहना की, जिसमें अंतःविषयक शिक्षा और लचीलेपन पर ज़ोर दिया गया है, जो मेहनती छात्रों को अनुकूलन और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाता है।
उपराष्ट्रपति ने सोशल मीडिया का समझदारी से उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे आत्मअनुशासन रखें और ऑनलाइन गतिविधियों तथा वास्तविक जिंदगी की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अपने माता-पिता का सम्मान करें और लोगों से अच्छी बातों को अपनाएं, न कि नकारात्मक चीज़ों पर ध्यान दें।
उपराष्ट्रपति ने संबोधन के आखिर में प्राचीन ज्ञान का उल्लेख किया कि “ज्ञान ही असली संपत्ति है।” उन्होंने छात्रों से कहा कि वे ज्ञान की यह रोशनी आगे बढ़ाएं, आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करें, और विनम्रता के साथ लेकिन मजबूत संकल्प के साथ राष्ट्रनिर्माण में योगदान दें, ताकि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। दीक्षांत समारोह के दौरान कुल 2,925 छात्रों को डिग्री, डिप्लोमा और फेलोशिप प्रदान की गईं। विभिन्न शैक्षणिक विषयों के सोलह स्वर्ण पदक विजेताओं को भी उपराष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। समारोह में कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, जेएसएस एएचईआर के कुलाधिपति परम पावन जगद्गुरु श्री शिवरात्रि देशिकेंद्र महास्वामीजी, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री शिवराज वी. पाटिल और अन्य अतिथियों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।