Tuesday, June 24, 2025
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उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) भारत में जलवायु-तकनीक उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए जीईएपीपी के साथ मिलकर कार्य करेगा।

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) भारत में जलवायु-तकनीक उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए जीईएपीपी के साथ मिलकर कार्य करेगा।

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने भारत के स्वच्छ ऊर्जा और विनिर्माण क्षेत्रों में नवाचार, स्थिरता और उद्यमशीलता में तेजी लाने के लिए ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट (जीईएपीपी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

यह द्विवर्षीय साझेदारी धन की व्यवस्था करने, मेंटरशिप, प्रारंभिक अवसरों और बाजार से जुड़ाव के माध्यम से शुरुआती चरण के जलवायु-तकनीक स्टार्टअप का सहयोग करेगी। इस साझेदारी को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इस पहल का उद्देश्य भारत की नेट-जीरो महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप स्केलेबल, निवेश योग्य उद्यमों का एक मजबूत तंत्र बनाना है।

समझौते ज्ञापन के भाग के रूप में, जीईएपीपी एनर्जी ट्रांजिशन इनोवेशन चैलेंज (ईएनटीआईसीई) शुरू करेगा। यह एक प्रतिस्पर्धी मंच है जो प्रभावी समाधानों के लिए 500,000 डॉलर तक का पुरस्कार प्रदान करता है। स्पेक्ट्रम इम्पैक्ट और अवाना कैपिटल जैसे भागीदारों के माध्यम से निवेश में भी सहयोग किया जाएगा। डीपीआईआईटी इस कार्यक्रम को स्टार्टअप इंडिया नेटवर्क से जोड़ेगा और प्रमुख सरकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों तक पहुंच बनाएगा।

डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री संजीव ने कहा कि भारत का जलवायु नेतृत्व एक मजबूत उद्यमशीलता आधार पर निर्भर करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह साझेदारी स्वच्छ ऊर्जा स्टार्टअप्स के लिए ऐसी प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी जो देश के दीर्घकालिक नेट जीरो उद्देश्यों को पूरा करती है।

जीईएपीपी के उपाध्यक्ष (भारत) सौरभ कुमार ने इस समझौता ज्ञापन को उद्योग, सरकार और नवोन्मेषकों के बीच सहयोग के माध्यम से प्रणालीगत परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि जीईएपीपी का वैश्विक अनुभव, स्टार्टअप इंडिया के नेटवर्क और डीपीआईआईटी के संस्थागत सहयोग से स्वच्छ ऊर्जा उद्यमिता के लिए नए अवसर मिलेंगे।

दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डॉ. सुमीत जारंगल और सौरभ कुमार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।