ई-जागृति से 2025 में उपभोक्ता न्याय में क्रांति: शीघ्र निवारण और 2024 के मानकों से बेहतर प्रदर्शन
ई-जागृति से 2025 में उपभोक्ता न्याय में क्रांति: शीघ्र निवारण और 2024 के मानकों से बेहतर प्रदर्शन
उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देते हुए, उपभोक्ता मामले विभाग का ई-जागृति प्लेटफॉर्म एक परिवर्तनकारी डिजिटल शिकायत निवारण प्रणाली के रूप में उभरा है। इस पर 1 जनवरी, 2025 को इसकी शुरुआत के बाद से दो लाख से ज्यादा उपयोगकर्ताओं ने पंजीकरण कराया है। यह प्लेटफॉर्म कागजी कार्रवाई कम करके, यात्रा को न्यूनतम करके और भौतिक दस्तावेजों में कटौती करके नागरिकों के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा मिलता है। यह अनिवासी भारतीयों की भौगोलिक बाधाओं को दूर करके और उन्हें विदेश से अपने उपभोक्ता अधिकारों का दावा करने में सक्षम बनाकर पहुंच को भी मजबूत करता है।

13 नवंबर, 2025 तक, एकीकृत पोर्टल ने 1,30,550 मामले दर्ज करने में मदद की है और 1,27,058 मामलों का निपटारा सुनिश्चित किया है जो देश भर में उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने में इसकी दक्षता को दर्शाता है। अपने सरल ओटीपी-आधारित पंजीकरण के साथ, ई-जागृति अनिवासी भारतीयों को शिकायत दर्ज करने, डिजिटल या ऑफलाइन शुल्क भुगतान करने, वर्चुअल सुनवाई में भाग लेने, ऑनलाइन दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने और वास्तविक समय में मामलों को ट्रैक करने में सक्षम बनाता है जिससे भारत में भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
इस पोर्टल पर 1388 अनिवासी भारतीयों सहित 2.75 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं ने पंजीकरण कराया है जिससे वैश्विक पहुंच और निर्बाध उपभोक्ता शिकायत निवारण प्लेटफॉर्म संभव हुआ है। यह प्लेटफॉर्म विदेशों से शिकायत दर्ज करने, वर्चुअल सुनवाई और वास्तविक समय ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करता है जिससे सभी के लिए सुलभ न्याय सुनिश्चित होता है। ई-जागृति नागरिक-केंद्रित, तकनीक-संचालित शासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और उपभोक्ताओं को कागज रहित, संपर्क रहित और कुशल शिकायत निवारण के साथ सशक्त बनाता है। एआई-संचालित बहुभाषी सुलभ इंटरफेस उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज करने, वर्चुअल सुनवाई और वास्तविक समय ट्रैकिंग में आसानी सुनिश्चित करता है। इसके अतिरिक्त, वॉइस-टू-टेक्स्ट कार्यक्षमता, चैटबॉट और एकीकृत डैशबोर्ड बुजुर्गों और दिव्यांग उपभोक्ताओं के लिए इसे सुगम बनाता है।
इस वर्ष, इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से 466 एनआरआई शिकायतें दर्ज की गईं जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका (146), यूनाइटेड किंगडम (52), यूएई (47), कनाडा (39), ऑस्ट्रेलिया (26) और जर्मनी (18) जैसे देशों से शिकायतें दर्ज की गई हैं। इस प्लेटफॉर्म की समावेशी विशेषताओं में बहुभाषी इंटरफेस, चैटबॉट सहायता, दृष्टिबाधित और बुजुर्ग उपयोगकर्ताओं के लिए वॉइस-टू-टेक्स्ट और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन शामिल हैं जो पहुंच, पारदर्शिता और उपयोगकर्ता सुरक्षा को बढ़ाते हैं।
भारत के नागरिकों के लिए, ई-जागृति ओसीएमएस, ई-दाखिल, एनसीडीआरसी सीएमएस और कॉन्फोनेट जैसी पुरानी प्रणालियों को एक एकल, सहज इंटरफेस में एक करता है। यह डिजिटलीकरण बिखराव को कम करता है, पारदर्शिता को बढ़ावा देता है और मामलों के निपटान में तेजी लाता है। 13 नवंबर, 2025 तक, देश भर में कुल 1,30,550 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें गुजरात (14,758 मामले), उत्तर प्रदेश (14,050 मामले) और महाराष्ट्र (12,484 मामले) जैसे राज्यों से सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए हैं। प्लेटफॉर्म के भूमिका-आधारित डैशबोर्ड अधिवक्ताओं को मामलों पर नजर रखने, दस्तावेज अपलोड करने और अलर्ट प्राप्त करने के लिए माध्यम प्रदान करते हैं जबकि न्यायाधीश कुशल सुनवाई के लिए डिजिटल फाइलों, एनालिटिक्स और वर्चुअल कोर्टरूम का उपयोग करते हैं।
ई-जागृति के प्रमुख लाभों में शामिल हैं:
इस प्लेटफॉर्म ने 2 लाख से ज्यादा एसएमएस अलर्ट और 12 लाख से ज़्यादा ईमेल सूचनाएं भेजी हैं जिनमें पंजीकरण और प्रत्युत्तर प्रस्तुत करने के लिए ओटीपी सत्यापन, मामले की स्वीकृति या प्रत्यावर्तन की पुष्टि, सफल ई-फाइलिंग पावती, प्रोफाइल सुरक्षा अलर्ट और जारी किए गए नोटिसों पर वास्तविक समय अपडेट जैसी प्रमुख कार्य शामिल हैं। एकीकृत एसएमएस और ईमेल गेटवे के माध्यम से तुरंत प्रदान किए जाने वाले ये स्वचालित, बहुभाषी संचार यह सुनिश्चित करते हैं कि विभिन्न समय क्षेत्रों में काम करने वाले अनिवासी भारतीयों सहित उपयोगकर्ता, समय सीमा या प्रगति से कभी न चूकें जिससे प्रक्रियात्मक देरी कम हो और डिजिटल निवारण प्रक्रिया में विश्वास मजबूत हो।
इस प्लेटफॉर्म ने 2025 में निपटान दक्षता में स्पष्ट वृद्धि दर्ज की है। जुलाई-अगस्त के बीच, 27,080 दायर मामलों में से 27,545 मामलों का निपटारा किया गया और सितंबर-अक्टूबर के बीच, 21,592 दायर मामलों में से 24,504 मामलों का निपटारा किया गया जो 2024 की निपटान दर से बेहतर है और यह तेजी से बैकलॉग निपटान को दर्शाता है।
प्रक्रियाओं को और अधिक सुव्यवस्थित बनाने के लिए, एनसीडीआरसी अनावश्यक कागजात जमा करने की प्रक्रिया को कम करने, वादियों के लिए अनुपालन को आसान बनाने और लगभग कागज़ रहित कार्यवाही की ओर बढ़ने के उपायों पर विचार कर रहा है। यह प्लेटफॉर्म समय पर समाधान प्रदान करता रहता है जिसमें अनिवासी भारतीय भी शामिल हैं जिनके भारत आए बिना ही बीमा दावों और उत्पाद में कमियों जैसे विवादों का सफलतापूर्वक निपटारा किया है।
ई-जागृति पोर्टल की प्रभावशीलता को दर्शाने वाली सफलता की कुछ कहानियां यहां दी गई हैं:
· ऑनलाइन कोर्स घोटाले के 25 दिनों के अंदर समाधान में उपभोक्ता को 3.05 लाख रुपये मिले
आयोग: असम (मोरीगांव)
मामले की अवधि: 25 दिन (मामला संख्या: डीसी/296/सीसी/3/2025)
एक अभिभावक ने बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के आश्वासन के बाद खराब गुणवत्ता वाली ऑनलाइन कक्षाएं रद्द कर दीं, फिर भी 54,987 रुपये अपने आप कट गए। आयोग ने सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और पूरी राशि वापस करने के साथ-साथ वित्तीय नुकसान के लिए 2.5 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।
प्रभाव: पूर्वोत्तर क्षेत्र में शीघ्र समाधान; एड-टेक प्लेटफार्मों द्वारा अनधिकृत डिजिटल कटौती और झूठे आश्वासनों के विरुद्ध उदाहरण स्थापित किया।
आयोग: त्रिपुरा (पश्चिम त्रिपुरा)
मामले की अवधि: 5 महीने (मामला संख्या: डीसी/272/सीसी/33/2025)
85,000 रुपये कीमत वाले एलजी साइड-बाय-साइड रेफ्रिजरेटर में पानी लीक हो रहा था और 2017 से ही डीफ़्रॉस्ट नहीं हो रहा था जिससे बार-बार मरम्मत के बावजूद खाना खराब हो रहा था। एलजी सर्विस सेंटर और एलजी इंडिया को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए संयुक्त रूप से उत्तरदायी ठहराया गया। आयोग ने 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज के साथ पूरी राशि वापस करने, 12,000 रुपये मरम्मत खर्च, 50,000 रुपये मानसिक पीड़ा और 20,000 रुपये मुकदमेबाजी के खर्च का भुगतान करने का आदेश दिया है – जो 30 दिनों के भीतर देय होगा।
प्रभाव: यह सिद्ध करता है कि ई-जागृति खरीद के वर्षों बाद भी उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करता है; ब्रांडों को दीर्घकालिक सेवा प्रतिबद्धताओं को मानने के लिए बाध्य करती है।
उपभोक्ता मामले विभाग, प्रवासी भारतीयों सहित सभी उपभोक्ताओं से सशक्त शिकायत निवारण के लिए ई-जागृति का लाभ उठाने का आग्रह करता है। देश भर में संचालित यह पोर्टल डिजिटल रूप से सशक्त भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।