इलेक्ट्रिक मोबिलिटी
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी
सरकार ने पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में कमी लाने एवं जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने एवं सुगम बनाने के लिए निम्नलिखित योजनाएं लागू की हैं:
i. भारत में इलेक्ट्रिक (और हाइब्रिड) वाहनों को तेजी से अपनाने एवं उत्पान बढ़ाने की योजना (फेम इंडिया): फेम इंडिया योजना का दूसरा चरण पांच वर्षों की अवधि के लिए 01.04.2019 से 31.03.2024 तक 11,500 करोड़ रुपये की लागत के साथ लागू किया गया। इस योजना के अंतर्गत कुल 16,71,606 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे जा चुके हैं और 6,862 ई-बसों को मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अलावा, तीन तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा 8,932 ईवी पब्लिक चार्जिंग स्टेशन (ईवीपीसीएस) स्थापित किए गए हैं।
ii. भारत में ऑटोमोबाइल एवं ऑटो घटक उद्योग के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना (पीएलआई-ऑटो): भारत सरकार ने 23 सितंबर, 2021 को देश में ऑटोमोबाइल एवं ऑटो घटक उद्योग को बढ़ावा देने लिए इस योजना को मंजूरी प्रदान की जिसका उद्देश्य उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों के लिए भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना है। इसके लिए 25,938 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस योजना में न्यूनतम 50 प्रतिशत घरेलू मूल्यवर्धन (डीवीए) के साथ एएटी उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और ऑटोमोटिव विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में निवेश को आकर्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन का प्रस्ताव है।
iii. उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना: सरकार ने 12.05.2021 को देश में एसीसी बैटरी के निर्माण के लिए 18,100 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के साथ पीएलआई योजना को मंजूरी प्रदान की। इस योजना का उद्देश्य 50 गीगावॉट एसीसी बैटरी के लिए एक प्रतिस्पर्धी घरेलू विनिर्माण प्रणाली स्थापित करना है।
iv. पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना: इस योजना को 01.04.2024 से 31.03.2028 तक लागू की गई है, इसका परिव्यय 10,900 करोड़ रुपये है। इस योजना का उद्देश्य 50 गीगावाट घंटे की एसीसी बैटरी के लिए एक प्रतिस्पर्धी घरेलू विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है।
v. पीएम ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना: इस योजना को 28.10.2024 को अधिसूचित किया गया जिसका परिव्यय 3,435.33 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य 38,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती में सहयोग करना है। इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों (पीटीए) द्वारा भुगतान में चूक होने की स्थिति में ई-बस संचालकों को भुगतान सुरक्षा प्रदान करना है।
vi. भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के निर्माण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीएमईपीसीआई): भारत में इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए यह योजना 15.03.2024 को अधिसूचित की गई थी।
देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने वाले चार्जिंग अवसंरचना निर्माण के लिए सरकार द्वारा आवंटित धनराशि एवं खर्च की गई राशि का विवरण निम्न प्रकार है:
(राशि रुपये करोड़ में)
योजना
विषय
आवंटित धनराशि
खर्च धनराशि
फेम-II
ईवीपीसीएस
912.50
633.44
पीएम ई-ड्राइव
ईवीपीसीएस
2,000
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यह जानकारी आज लोकसभा में भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने लिखित उत्तर में दी।