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आधुनिकीकरण की दिशा में व्यापक प्रयास: भारतीय रेलवे ने 11 सालों में 42,600 से अधिक एलएचबी कोचों का निर्माण किया

आधुनिकीकरण की दिशा में व्यापक प्रयास: भारतीय रेलवे ने 11 सालों में 42,600 से अधिक एलएचबी कोचों का निर्माण किया

भारतीय रेलवे ने लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोचों के उत्पादन में लगातार प्रगति की है, जिन्हें यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा, बेहतर यात्रा आराम और बेहतर परिचालन प्रदर्शन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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चालू वित्त वर्ष 2025-26 (नवंबर 2025 तक) के दौरान कुल 4,224 से अधिक एलएचबी कोचों का निर्माण किया गया है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि में उत्पादित 3,590 कोचों की तुलना में 18% की वृद्धि दर्शाता है। उत्पादन में यह वृद्धि रेलवे इकाइयों में विनिर्माण क्षमता के निरंतर सुदृढ़ीकरण और बेहतर उत्पादन नियोजन को प्रदर्शित करती है।

इस अवधि के दौरान कारखानेवार प्रदर्शन की बात करें तो, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), चेन्नई ने 1,659 एलएचबी कोचों का उत्पादन किया है, इसके बाद मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ), रायबरेली ने 1,234 कोचों का और रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ), कपूरथला ने 1,331 कोचों का उत्पादन किया है। इन सभी ने मिलकर एलएचबी कोच उत्पादन में समग्र वृद्धि में योगदान दिया है।

दीर्घकालिक तुलना की जाए तो हाल के वर्षों में हासिल की गई उल्लेखनीय प्रगति साफ दिखाई देती है। 2014 और 2025 के बीच, भारतीय रेलवे ने 42,600 से अधिक एलएचबी कोचों का उत्पादन किया, जो 2004 और 2014 के बीच निर्मित 2,300 कोचों की तुलना में 18 गुना अधिक है। यह विस्तार एलएचबी कोचों को व्यापक रूप से अपनाकर यात्री परिवहन को आधुनिक बनाने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित करता है, जो अपने बेहतर सुरक्षा मानकों और कम रखरखाव की ज़रुरतों के लिए जाने जाते हैं।

घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाकर और आयात पर निर्भरता कम करके भारतीय रेलवे, आत्मनिर्भर भारतऔर मेक इन इंडियापहल के लक्ष्यों में लगातार महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। यह संगठन देश की बढ़ती परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने और यात्रियों को सुरक्षित, सुगम और अधिक आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए अपनी उत्पादन क्षमता को और बढ़ाने पर केंद्रित है।

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