Monday, June 23, 2025
Latest:
Current Affairs

आगरा में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर उपराष्ट्रपति के संबोधन का पाठ (अंश)

आगरा में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर उपराष्ट्रपति के संबोधन का पाठ (अंश)

सबसे पहले धनगर, पाल, बघेल, कुरवा, गाडरी, राईका, रेवाड़ी, मालधारी, देवासी।  मुझे बचपन में याद है, हमारे गांव के रेबारी ने मेरा बहुत पालन-पोषण किया था।  

यहाँ आकर मैं अभिभूत हूँ। इस समाज को मैं नमन करता हूँ। हज़ारों की संख्या में आप, पर सबसे पहले, जो धूप में हैं भाई-बहन उनके लिए मैं विशेष रूप से नमन करता हूँ।

उत्तर प्रदेश के ओजस्वी, तपस्वी, दूरदर्शिता के परिचायक मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी बड़े दूरदर्शी हैं, काम में विश्वास रखते हैं। 2021 दिसम्बर में माननीय मुख्यमंत्री जी ने काशी विश्वनाथ में आदि शंकराचार्य और लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का अनावरण किया, साधुवाद के पात्र हैं। और आज घोषणा भी क्या की — पूरे उत्तर प्रदेश में 7 जगह कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनेंगे, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की याद में।

श्री बंडारू दत्तात्रेय जी, हरियाणा के महामहिम राज्यपाल और अपने सबके प्रिय श्री एसपी सिंह बघेल। माननीय मुख्यमंत्री जी, अहिल्याबाई होलकर जी धनगर थीं मैं धनखड़ हूं। और हमारा जुड़ाव यहां तक ही सीमित नहीं है जब पानीपत की लड़ाई हो रही थी सन् 1761 में महाराजा मल्हार होलकर और महाराजा सूरजमल ने मराठों का साथ दिया था, अहमद शाह अब्दाली के विरुद्ध लड़ाई थी।

श्री राम शिंदे आपका जुड़ाव तो वन श्रृंखला से आपकी उपस्थिति बहुत मायने रखती है संसद सदस्य श्री बीके पार्थसारथी श्री बस्तीपति नागराजू और गोवा के पूर्व उप-मुख्यमंत्री श्री चंद्रकांत कावलेकर जनप्रतिनिधि और मेरे सामने हजारों की संख्या में घंटे तक इंतजार कर रहे जमीन से जुड़े हुए अहिल्याबाई को नमन करने उनकी याद में यहां पर उपस्थित है उन सब का अभिनंदन आपकी उपस्थिति वंदनीय है। 

आज का दिन मेरे लिए अत्यंत गौरव और भावना से भरा हुआ है। इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनकर मैं अपने आप को धन्य मानता हूँ। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती एक तारीख नहीं है, एक ऐतिहासिक घटना नहीं है।  यह हम सबके लिए जीवन दर्शन है। हमें आज के दिन प्रेरणा लेनी पड़ेगी, संकल्प लेना पड़ेगा कि हम उनके आदर्शों पर चलेंगे। 

उस कठिन समय में वो महान भारत की परम्परा की प्रतिनिधि थीं, जहाँ धर्म, संस्कृति और शासन एक ही धारा में प्रवाहित होते हैं। जैसा माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा, लोकमाता अहिल्याबाई ने मंदिर बनवाए — सोमनाथ (गुजरात), काशी विश्वनाथ, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, बद्रीनाथ, केदारनाथ, भीमाशंकर, रामेश्वरम्, गोकण,  ना जाने कितने मंदिर उनके हाथ से संजीवित हुए।

ऐसे मौके पर मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री संदर्भ में भी कहना चाहूंगा जो लोकमाता अहिल्याबाई होलकर ने किया, उत्तर प्रदेश के आज के मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की काया पलट दी, काशी विश्वनाथ, अयोध्या और सभी जगह मथुरा सहित यह काम होगा। आने वाली पीढ़ियां मुख्यमंत्री के इस काम को उसी तरीके से स्मरण करेगी जिस तरीके से हम आज लोकमाता अहिल्याबाई होलकर को याद रखते हैं।

हमारी संस्कृति का सृजन, संरक्षण हमारे लिए बहुत अहम है। जब औरंगज़ेब की क्रूरता ने, आक्रांताओं ने काशी विश्वनाथ पर प्रतिघात किया, कुठाराघात किया — उसके सौ वर्ष बाद अहिल्याबाई होल्कर ने दूरदर्शिता दिखाते हुए काशी विश्वनाथ में मंदिर बनाया। उस काशी विश्वनाथ में जो चमत्कारिक परिवर्तन आया है, जिससे पूरा देश अभिभूत है।  उनके घाटों का जब अवलोकन करते हैं, क्या दृश्य उत्पन्न होता है! यह नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, आपके प्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने किया है। यह महारथ आसान नहीं था, पर करके दिखा दिया।

मैं इसी श्रृंखला में भारतीय सेना के पराक्रम को भी याद दिलाना चाहूंगा। 22 अप्रैल को कायरतापूर्ण बर्बरता जो हमारे दुश्मनों ने पहलगाम में दिखाई उसपर प्रतिघात हुआ। माननीय मुख्यमंत्री जी आपके यहां निर्मित ब्रह्मोस का, उत्तर प्रदेश की भूमि पर सैन्य उत्पादन कितना श्रेष्ठ है यह दुश्मन के कानों में गूंजता रहेगा। आपके यहां निर्मित ब्रह्मोस ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों में दुश्मन की territory में घुसकर उनको तबाह किया।

आपका सोच की, आपने अपने शासन काल में उत्तर प्रदेश की छवि को पूर्ण रूप से बदल दिया। आज उत्तर प्रदेश का मतलब है सुशासन, कानून का राज और बिना कानून के राज के कोई भी विकास संभव नहीं है। इस ऑपरेशन की उल्लेखनीय सफलता के लिए मैं भारतीय सेना का अभिनंदन करना चाहता हूँ। हमारी सेना ने पराक्रम दिखाया, हमारी सेना ने दुश्मन को लोहे के चने चबाए और दुनिया को एक बड़ा सन्देश दिया कि अब भारत बदल गया है।  जैसे आपका उत्तर प्रदेश बदल गया। आपका उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश हो गया। भारत भी बदल रहा है, आतंकवाद को खत्म करेगा। जो हम पर हाथ डालेगा, उसको पूरी तरह नष्ट करेंगे। पर हमें सदैव याद रखना पड़ेगा और यही सीख लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की थी, हम भारतीय हैं भारतीयता हमारी पहचान है, राष्ट्रवाद हमारा धर्म है, राष्ट्र सर्वोपरि है, राष्ट्र के लिए जो भी करना है कम है।

मैं किसान परिवार से आता हूँ, मेरा सर गर्व से ऊपर है, प्रफुल्लित हूँ क्योंकि अहिल्याबाई होल्कर किसान परिवार से थीं। न्यायप्रिय थीं और उन्होंने जो मानदंड और मापदंड रखे, वो अत्यंत सराहनीय हैं। पर एक बात लोगों को कम पता है — नारी शक्ति के सशक्तिकरण के लिए अहिल्याबाई ने बहुत उच्च मापदंड रखे। उन्होंने अपनी सेना में महिलाओं की टुकड़ी बनाई, महिलाओं की टुकड़ी बनाई। ऐसी अहिल्याबाई होल्कर की आत्मा कितनी प्रसन्न होगी कि आज के भारत में नारी सशक्तिकरण पराकाष्ठा पर है, सेना में उनका स्थान है और अब तो नारी का संसद और विधान सभाओं में भी आरक्षण है।

किसान मेरे दिल में है मेरे दिमाग में है। किसान का दर्द मैं समझता हूं, किसान विकास में क्या योगदान कर सकता है  और यह आप सब जानते हैं। और आप सब किसान परिवार के सदस्य हैं, प्रमुख सदस्य हैं। इसलिए मैं कहता हूं कि विकसित भारत होगा, निश्चित होगा क्योंकि आओ लोगों ने ठान रखी है, किसान ने ठान रखी है।

मैं आप सबके समक्ष कहते हुए गौरव महसूस करता हूँ कि भारत की वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर हमारे लिए प्रेरणामूर्ति हैं। उनको कोटि-कोटि नमन करता हूँ।

 और आज, जो काम उन्होंने किया था आज का उत्तर प्रदेश, हमारी सांस्कृतिक विरासत के सृजन और संरक्षण का अदभुत उदाहरण बन गया है। कल्पना से परे चमत्कारी काम यहां हुआ है। इसकी शुरुआत 2014 में हो गई जब प्रधानमंत्री जी ने काशी को अपना राजनीतिक क्षेत्र चुना, पर इसमें गति आई तीव्र गति आई 2017 में जब माननीय योगी आदित्यनाथ प्रांत के मुख्यमंत्री बनें। इनको गौरव हासिल है कि लगातार इतने वर्षों तक देश के सबसे बड़े प्रांत का संचालन करने वाले अकेले मुख्यमंत्री हैं, यह कीर्तिमान किसी को हासिल नहीं है। इसकी पराकाष्ठा दुनिया ने देखी, पूरे विश्व ने देखी जब महाकुंभ के दौरान दुनिया आश्चर्यचकित हो गई, क्या आयोजन था। भारत की संस्कृति का संदेश पूरी दुनिया में गया।

आइए, आज के इस पावन अवसर पर हम संकल्प लें कि माता अहिल्याबाई की तरह हम भी अपने कर्तव्यों को धर्म मानेंगे, अपने अधिकारों को सेवा के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे। और मैं मानकर चलता हूँ, अहिल्याबाई की सोच, विधि की रचना की तरह, योगी आदित्यनाथ में आ गई है। योगी आदित्यनाथ ने जो कार्य करके दिखा दिया है। मेरी बात को याद रखिए, आसान नहीं था, मुश्किल था, चुनौतीपूर्ण था। हर चुनौती पर खरे उतरते हुए, कसौटी को पार करते हुए, ऐसा काम किया है जो आने वाली पीढ़ियां सदियों तक याद रखेंगी।

 

बहुत-बहुत धन्यवाद, नमस्कार!