आईएसएलआरटीसी 10-11 जुलाई 2025 को नई दिल्ली में ‘भारतीय सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल करके बधिर छात्रों को अंग्रेजी पढ़ाने के सर्वोत्तम तरीकों’ पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करेगा
आईएसएलआरटीसी 10-11 जुलाई 2025 को नई दिल्ली में ‘भारतीय सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल करके बधिर छात्रों को अंग्रेजी पढ़ाने के सर्वोत्तम तरीकों’ पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करेगा
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय, भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी), ‘भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) का इस्तेमाल करके बधिर छात्रों को अंग्रेजी सिखाने के सर्वोत्तम तरीकों‘ पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। यह दो दिवसीय ऑफलाइन कार्यशाला 10-11 जुलाई 2025 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी), नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल इसका उद्घाटन करेंगे।
यह बधिर छात्रों को अंग्रेजी सिखाने के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा के इस्तेमाल पर आधारित पहला सतत पुनर्वास शिक्षा (सीआरई) कार्यक्रम है, और यह बधिर शिक्षा के लिए शैक्षणिक रणनीतियों को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस पहल का उद्देश्य भारतीय सांकेतिक भाषा शिक्षण डिप्लोमा (डीटीआईएसएल) पाठ्यक्रम के बधिर छात्रों और पढ़ने-लिखने में चुनौतियों का सामना करने वाले अन्य बधिर व्यक्तियों के बीच अंग्रेजी साक्षरता में सुधार के लिए प्रभावी शैक्षणिक दृष्टिकोणों की पहचान करना है। कार्यक्रम के दौरान प्राप्त अंतर्दृष्टि डीटीआईएसएल पाठ्यक्रम के बेसिक इंग्लिश भाग 1 और 2 मॉड्यूल के भविष्य के संशोधन में योगदान देगी।
कार्यशाला में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संसाधन व्यक्ति एक साथ आएंगे, जिनमें शामिल हैं:
सत्रों में प्रस्तुतियां, इंटरैक्टिव चर्चाएं, लाइव प्रदर्शन और सामूहिक गतिविधियां शामिल होंगी, जिससे आईएसएल प्रशिक्षकों, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय संस्थानों/समग्र क्षेत्रीय केंद्रों के मास्टर प्रशिक्षकों, बधिर विद्यालयों के अंग्रेजी शिक्षकों और एनआईओएस, एनसीईआरटी और अन्य संस्थानों के प्रतिनिधियों के बीच विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।
यह कार्यक्रम बधिर समुदाय के लिए समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को आगे बढ़ाने और भारतीय सांकेतिक भाषा के माध्यम से अंग्रेजी साक्षरता के परिणामों में सुधार के लिए सहयोगी रणनीतियों पर जोर देने की दिशा में आईएसएलआरटीसी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है।
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