अंतरराष्ट्रीय कौशल विकास और विदेश में प्लेसमेंट
अंतरराष्ट्रीय कौशल विकास और विदेश में प्लेसमेंट
स्वास्थ्य सेवा, निर्माण, आतिथ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और हरित प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करने के लिए सरकार भारतीय छात्रों और युवाओं को कुशल बनाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है। इन क्षेत्रों में गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने विभिन्न गंतव्य देशों के साथ द्विपक्षीय समझौता ज्ञापनों/समझौतों, प्रवासन और गतिशीलता भागीदारी समझौतों, श्रम गतिशीलता और कौशल विकास तथा व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण में सहयोग ढांचों पर हस्ताक्षर सहित संस्थागत तंत्र स्थापित किए हैं।
इटली और जर्मनी के साथ प्रवासन एवं गतिशीलता साझेदारी समझौतों में योग्यताओं और प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता के लिए विशिष्ट प्रावधान शामिल हैं। इसके अलावा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने आठ देशों- ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कतर, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात के साथ द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो तकनीकी आदान-प्रदान, सहयोगात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, योग्यताओं के मानकीकरण, पारस्परिक मान्यता और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को सुगम बनाते हैं। एमएसडीई ने स्वास्थ्य सेवा और निर्माण क्षेत्रों में गतिशीलता को सुगम बनाने के लिए इज़राइल के साथ दो प्रोटोकॉल पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
एमएसडीई- विदेश मंत्रालय (एमईए) के सहयोग से प्रवासी कौशल विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत संभावित प्रवासियों के लिए एक दिवसीय प्रस्थान-पूर्व अभिविन्यास प्रशिक्षण (पीडीओटी) आयोजित करता है ताकि उन्हें गंतव्य देश की भाषा, सांस्कृतिक जागरूकता, उत्प्रवास प्रक्रियाओं, कल्याण प्रावधानों और क्या करें और क्या न करें के बारे में जानकारी दी जा सके।
एमएसडीई स्वास्थ्य सेवा और आतिथ्य सहित अन्य क्षेत्रों में गतिशीलता को सुगम बनाने के लिए जापान के साथ तकनीकी प्रशिक्षु प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीआईटीपी) जैसे कार्यक्रम भी लागू कर रहा है। इसके अतिरिक्त, जर्मनी के साथ भारत-जर्मन हरित कौशल कार्यक्रम (आईजीजीएसपी) का उद्देश्य युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हरित प्रौद्योगिकियों में कुशल और प्रमाणित करना है।
वित्त वर्ष 2023-24 की बजट घोषणा के अनुरूप, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में 30 कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्रों (एसआईआईसी) की स्थापना का प्रस्ताव रखा है। वर्तमान में, दो एसआईआईसी चालू हो चुके हैं – एक वाराणसी में और दूसरा कौशल विकास संस्थान (एसडीआई), भुवनेश्वर में। बेंगलुरु/कर्नाटक के उम्मीदवारों की अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता को सुगम बनाने के लिए एनएसटीआई बेंगलुरु में एसआईआईसी की स्थापना की गई है। पिछले तीन वर्षों के दौरान प्रशिक्षित और विदेश में नियुक्त उम्मीदवारों का राज्यवार विवरण, जिनमें कर्नाटक के उम्मीदवार भी शामिल हैं, अनुलग्नक में दिया गया है।
अनुलग्नक
पिछले तीन वर्षों में राज्यवार और वर्षवार तैनाती:
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
2022-23
2023-24
2024-25
कुल
अंडमान और निकोबार
1
0
0
1
आंध्र प्रदेश
241
36
67
344
अरुणाचल प्रदेश
2
5
15
22
असम
28
9
2
39
बिहार
5470
148
217
5835
चंडीगढ़
0
4
0
4
छत्तीसगढ़
12
2
3
17
दादरा और नगर हवेली
1
1
0
2
दमन और दीव
0
1
0
1
दिल्ली
130
41
13
184
गोवा
15
3
0
18
गुजरात
389
17
3
409
हरियाणा
52
14
206
272
हिमाचल प्रदेश
34
5
16
55
जम्मू और कश्मीर
125
2
2
129
झारखंड
262
25
9
296
कर्नाटक
797
390
363
1550
केरल
1365
865
139
2369
मध्य प्रदेश
61
13
12
86
महाराष्ट्र
833
86
22
941
मणिपुर
22
10
35
67
मेघालय
2
0
2
4
मिज़ोरम
1
7
25
33
नागालैंड
13
31
45
89
ओडिशा
427
43
4
474
पुडुचेरी
12
6
1
19
पंजाब
694
48
25
767
राजस्थान
2611
58
66
2735
सिक्किम
2
1
3
6
तमिलनाडु
784
224
82
1090
तेलंगाना
904
24
480
1408
त्रिपुरा
12
2
1
15
उत्तर प्रदेश
3947
326
5766
10039
उत्तराखंड
110
12
28
150
पश्चिम बंगाल
3139
159
88
3386
विवरण उपलब्ध नहीं है
289
0
0
289
कुल
22787
2618
7740
33145
यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।